बिल सबमिट करने के बाद रिजेक्ट कर दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम
बीमित का आरोप कि हमारे साथ किया गया गोलमाल बिल सबमिट करने के बाद रिजेक्ट कर दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अस्पताल में इलाज कराना तो आसान होता है पर बीमा कंपनी से अस्पताल को भुगतान कराना काफी कठिन होता है। बीमा कंपनी हमेशा कैशलेस से अपना पीछा छुड़ाने का प्रयास करती है। बीमा कंपनी के जिम्मेदार हमेशा यही कहते हैं कि आप इलाज कराने के बाद बिल सबमिट करेंगे तो हम परीक्षण के बाद सारा भुगतान अकाउंट में डाल देंगे।
पॉलिसी धारक बीमा कंपनी के अधिकारियों के कहने पर बिल की राशि अपने पास से भुगतान कर देते हैं और ठीक होने के बाद जब वे बीमा कंपनी में अस्पताल के बिल सबमिट करते हैं तो उनमें अनेक प्रकार की गलतियाँ निकालते हुए नियम विरुद्ध होने का दावा किया जाता है। कई तरह से बीमित को परेशान किया जाने लगता है। उसके बाद बीमा कंपनी बीमित को क्लेम न देना पड़े इसके लिए कई तरह के नियमों का हवाला देने लगती है जो पॉलिसी धारक को बताया ही नहीं गया था। बीमितों का आरोप है कि बीमा कंपनी जानबूझकर आम लोगों को परेशान करती है।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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न्याय पाने बीमित को जाना पड़ा कंज्यूमर कोर्ट
रांझी पुराना विजय नगर निवासी ऋषि ने बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया था। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण का शिकार होने के कारण दमोहनाका स्थित निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होना पड़ा था। इलाज के दौरान बीमा अधिकारियों ने अस्पताल में पॉलिसी क्रमांक पी/201116/01/2020 में कैशलेस नहीं किया। कैशलेस नहीं किए जाने के कारण अस्पताल का पूरा भुगतान अपने पास से उन्हें करना पड़ा था। स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के ब्रांच अधिकारियों ने कहा था कि बिल सबमिट करने पर आपको पूरा भुगतान बीमा कंपनी करेगी।
बीमा कंपनी में जब सारे बिल व दस्तावेज जमा किए तो वहाँ के जिम्मेदारों ने कहा था कि जल्द ही भुगतान किया जाएगा पर दो साल के बाद भी उन्हें क्लेम नहीं दिया गया। क्लेम फाइनल कराने के नाम पर पॉलिसी भी रिन्यू करा ली गई पर आज तक बीमित को क्लेम नहीं मिला। परेशान होकर बीमित को कंज्यूमर कोर्ट में केस लगाना पड़ा। बीमित का आरोप है कि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आम लोगों के साथ गोलमाल कर रही है। वहीं जिम्मेदार पूरी तरह मौन धारण किए हुए हैं। परेशान होकर बीमित ने कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।