श्रीमद् भागवत कथा मोक्ष का द्वार: श्याम सुन्दर दास जी
शाहनगर श्रीमद् भागवत कथा मोक्ष का द्वार: श्याम सुन्दर दास जी
डिजिटल डेस्क,शाहनगर । नगर के रामलीला मैदान स्थित हनुमान परिसर में शुक्रवार से श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ शोभा यात्रा के साथ कराया गया। रंग बिरंगे कलशों से सुशोभित शोभायात्रा नगर के श्री रामहर्षण कुन्ज श्री मिथिला बिहारी-बिहारणी सरकार मंदिर से नगर के प्रमुख मार्गों खेर माता स्थान, गांधी चौक, ब्रजपुरिया मोहल्ला, हरदौल चौक, बस स्टेंङ से होते हुई बासन खेरे मंदिर से कथा स्थल पर समाप्त हुयी। जहां प्रधान श्रोता सोने लाल नामदेव एवं उनकी धर्म पत्नि श्रीमती सखी बाई नामदेव सहित श्रोताओं को अवध धाम से आये श्याम सुन्दर दास महाराज ने बताया कि जिस प्रकार पृथ्वी लोक पर बार-बार परमात्मा का अतवरण होता है उनकी लीलाएं होती है और गुणगान करते हुए कर्मधर्म के साथ ही महायज्ञ होते हैं। ऐसे में परमात्मा स्वयं यहां पर जन्म लेते हैं। वे जीव के प्रेम उसकी करुण पुकार को जरूर सुनते हैं। भागवत महात्म्य सुनाते हुए कहा कि जब भी परमात्मा का गुणानुवाद इस पृथ्वी पर होता है या परमात्मा स्वयं आकर यहां पर तरह-तरह की लीलाएं करते हैं तो देवतागण भी पृथ्वी पर जन्म लेने के लिए लालायित रहते हैं। श्रीमद् भागवत पुराण कथा को श्रवण करने वाले भक्त निश्चित रूप से मोक्ष को प्राप्त कर लेते हैं। जिस प्रकार राजा परीक्षित श्राप से मुक्त हो गए। अनेकानेक राक्षस और पापी भी उस परमात्मा की कृपा से मुक्ति पा गए। ऐसे सभी पुराणों और ग्रंथों में महापुराण की संज्ञा पाने वाला श्रीमद् भागवत पुराण है। जिसकी कथाओं का श्रवण करने के लिए इतने बडे-बडे आयोजन किए जाते हैं। भक्तों के मन की वांछित कल्पनाओं से परे हटकर पुण्य फल प्रदान करने वाला यह महात्म्य होता है। वास्तव में श्रोता ही भागवत कथा के प्राण हैं। जिसके कल्याण के लिए इस प्रकार के अनुष्ठान किए जाते हैं।