सीवर का काम बंद, शहर की लोग परेशान, 52 करोड़ के काम के लिए नहीं मिल रहे ठेकेदार
कटनी सीवर का काम बंद, शहर की लोग परेशान, 52 करोड़ के काम के लिए नहीं मिल रहे ठेकेदार
डिजिटल डेस्क, कटनी । अमृत परियोजना के तहत सीवरेज सिस्टम शहरवासियों को पांच वर्ष से दर्द दे रही है। लापरवाही कहें या फिर जिम्मेदारों की अदूरदर्शी सोच। जिसके चलते वर्तमान समय में सुधार की पहल होते हुए नहीं दिखाई दे रही है। दस दिन बाद बारिश का दौर शुरु हो जाएगा। हमेशा की तरह फिर से लोगों को जर्जर सडक़ों से गुजरना पड़ेगा। सबसे अधिक खतरा अधूरे एसटीपी के गड्ढों से बना हुआ है। दरअसल केके स्पन कंपनी शुरुआती दौर से ही निगम के अफसरों को अपने इशारों पर नचाती रही। जिसके चलते कंपनी पग-पग में मनमानी की और भोपाल से लेकर जबलपुर तक के अधिकारी हमेशा की तरह नोटिस देकर अभयदान देते रहे। छह माह पहले कुठला थाना क्षेत्र के बस स्टैण्ड के समीप अधूरे एसटीपी के गड्ढे में दो मासूमों की मौत को लेकर नगर निगम ने कंपनी पर एक्शन लिया और कंपनी को बाहर का रास्ता दिखा दिया तो अब अधूरे काम को करने के लिए कोई नया ठेकेदार ही सामने नहीं आ रहा है। जिस तरह की स्थिति वर्तमान समय में बनी है। उसे देखते हुए निर्माण कार्य के जानकार यही कह रहे हैं कि 52 करोड़ रुपए के अधूरे कार्य को पूरा कराने के लिए अफसरों को मशक्कत करनी पड़ेगी।
पग-पग में बरती लापरवाही
द्द धीमी गति से शुरु काम
द्द लापरवाही पर अभयदान
द्द टर्मिनेट के नाम पर भभकी
द्द एक दर्जन पत्र से दी चेतावनी
द्द अधूरे एसटीपी में दो की मौत
द्द कंपनी के ऊपर एफआईआर
द्द छह माह पहले टर्मिनेशन
योजना पर एक नजर
द्द कार्य- सीवरेज सिस्टम
द्द राशि- 97 करोड़ रुपए
द्द अनुबंध- 16.०२.17
द्द समय सीमा- २४ माह
द्द समय वृद्धि- ३१.३.२०२१
द्द कुल प्रगति-३० प्रतिशत
द्द पूर्ति का लक्ष्य- मार्च 2022
52 करोड़ रुपए का होना है कार्य
वर्तमान समय में लक्ष्य के अनुरुप तीस प्रतिशत ही कार्य हुआ है। बचे हुए कार्य के लिए 52 करोड़ रुपए का नया टेण्डर भी निकाला गया है, फिलहाल इस कार्य को लेने के लिए कोई ठेकेदार सामने आते हुए नहीं दिखाई दे रहा है। जिसके चलते अब बारिश के बाद ही इस कार्य में तेजी आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
दोनों जगहों पर पसरा है सन्नाटा
कुठला थाना क्षेत्र के बस स्टैण्ड के समीप अधूरे एसटीपी का कार्य पूरा नहीं हो सका है। मासूमों की मौत के बाद जरुर गड्ढे के चारों तरफ तार की फेसिंग कर दी गई है, लेकिन इससे खतरा टला नहीं है। वर्तमान समय में यहां पर काम बंद है। सिर्फ चौकीदार ही प्लांट में तकवारी कर रहे हैं। यही आलम माधवनगर में निर्माणाधीन एसटीपी का भी है। कंस्ट्रक्शन के नाम पर जरुर प्लेटफार्म का काम पूरा कर लिया गया है, लेकिन पिलर के नाम पर सिर्फ लोहे की राड दिखाई दे रही है। यहां पर तो कंस्ट्रक्शन करने वाले ठेकेदार अब बल्ली और सेंट्रिग प्लेट भी निकालकर ले जा रहे हैं। आलम यह है कि यहां पर चौकीदारी करने वाले कर्मचारियों को भी कई माह से वेतन नहीं मिला है।
सडक़ों में नहीं हुआ सुधार कार्य
कलेक्ट्रेट से लेकर यातायात तिराहे तक की सडक़ में भले ही कंपनी ने सुधार कार्य कर दिया हो। उसके बाद नगर निगम का अमला भी डामरीकरण का कार्य कर रहा हो, लेकिन शहर के अंदर तंग गलियों की स्थिति आज भी जस की तस है। मुख्य मार्ग में कुठला क्षेत्र का मार्ग भी बदहाल है। इस हालात में फिर से इस मार्ग से निकलने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। दो वर्ष पहले ही बरसात के समय इस मार्ग पर चलना दुभर रहा। जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने निरीक्षण किया था। जिसमें यह बात सामने आई थी कि निगमायुक्त की ही बात कंपनी नहीं सुन रही है।
इनका कहना है
बचे हुए कार्य के लिए निविदा निकाली गई है। जिसकी राशि करीब 52 करोड़ रुपए है। विभाग की कोशिश है कि इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।