व्यवस्था को चकमा देकर सात ने किया 700 किलोमीटर का सफर 

व्यवस्था को चकमा देकर सात ने किया 700 किलोमीटर का सफर 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-31 08:31 GMT
व्यवस्था को चकमा देकर सात ने किया 700 किलोमीटर का सफर 

डिजिटल डेस्क अनूपपुर। 22 मार्च से अब तक देश के विभिन्न राज्यों में मजदूरी, नौकरी व पढ़ाई करने गये जिले के करीब बारह हजार लोगों में करीब 4500 लोग, जैसे-तैसे व्यवस्था बना अपने घर वापस पहुंच चुके हैं। इन सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। इनके सहित   एक लाख 62 हजार 7, 97 लोगों की जांच की जा चुकी है। और जांच उपरांत 4,610 लोगों को को होम क्वारेंटाइन किया गया है। करीब 7,700 अभी बाहर हैं और घर वापसी की प्रत्याशा में हैं। इन 7700 के अलावा बहुतेरे वे लोग भी यहां के प्रशासन के लिये चुनौती बन चुके हैं, जो छत्त्ीसगढ़ राज्य की सीमा से प्रवेश करते हुए अनूपपुर से भी आगे अपने गंतव्य को बढ़ते हैं। ऐसे ही लोगों में शुमार रीवा और सीधी जिले के 7 लोग सोमवार को स्टेट बॉर्डर पर लगे कड़े पहरे और सुरक्षा व्यवस्थाओं को धता बताते हुए बॉर्डर क्रॉस कर अनूपपुर से आगे शहडोल की ओर निकल गये। यह सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली, उसने इनकी तलाश में टीम लगाई। सात लोगों के इस ग्रुप में रीवा जिले के राजेश साकेत, सुदेश साकेत, ददानी आदिवासी, संतोष साकेत तथा राजेश आदिवासी और सीधी जिले के मनोज और राकेश पटेल शामिल हैं। गांव के रास्ते में टकराये इन लोगों ने बताया कि ये 9 दिन पहले , 22 मार्च को जनता कफ्र्यू लगने से पहले ही, 21 मार्च की रात को उड़ीसा राज्य के कटक से पैदल ही निकल पड़े थे और 3 राज्यों की पुलिस और प्रशासन की आंख में धूल झोकते हुए , लगभग 700 किलोमीटर का सफर पैदल पूरा करते हुए, सोमवार 30 मार्च को अनूपपुर जिले में पहुंचे। 
अनूपपुर से आगे पहुंचते ही जिला प्रशासन को इसकी सूचना मिली। एसपी श्रीमती किरण लता ने दैनिक भास्कर को बताया कि संबंधित लोगों की जानकारी ली जा रही है और तलाश शुरू करा दी गई है। उन्होंने कहा कि इन्हें जल्द तलाश कर अनूपपुर जिले में ही रोका जाएगा और क्वारेंटाइन मे रखा जाएगा। इस बीच  29 मार्च को इंदौर एवं भोपाल से आने-वाले 21 व्यक्तियों को स्वास्थ्य विभाग से जांच करवाने के बाद आईसोलेशनन सेंटर तथा रन टाइम सेन्टर में 14 दिनो के लिए रखा गया है। 
बंजारों को दिया गया आश्रय 
फोटो-02- कैप्सन -लखौरा में रूके हुए बंजारे 
पुष्पराजगढ़ जनपद मुख्यालय से तीन किमी दूर ग्राम पंचायत लखौरा में छत्तीसगढ़ के करगी रोड में रहने वाले 200 बंजारों ने अपना डेरा डाला हुआ है। मजदूरी व जीविकोपार्जन के लिए बंजारों की टोली लगातार  सफर करती रहती है। आगामी 14 अप्रैल तक इन बंजारों को लखौरा ग्राम में ही रोका गया है। इनके भोजन की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा कराई जा रही है। 
प्रशासन ने जम्मू में पहुंचाई मदद : पुष्पराजगढ़ केे ग्राम बोदा में निवास करने वाले गणपत सिंह और उनके 10 साथी मजदूरी करने के लिए जम्मू गए हुए थे। लॉक डाउन की वजह से मजदूरी नहीं मिल रही थी और पैसे भी खत्म हो गए थे। सूचनामिलने पर जिला प्रशासन नेगणपत सिंह के खाते में 5 हजार रुपए डाले। प्रशासन बाहर रहने वाले सभी लोगों की जानकारी जुटाने में लगा हुआ है।
 

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