एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दी इलाज की राशि

बीमित का आरोप: हमारे साथ किया गया है धोखा एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दी इलाज की राशि

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-20 12:57 GMT
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दी इलाज की राशि

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियाँ तब तक पॉलिसीधारकों सेे संपर्क में रहती हैं, जब तक वह पॉलिसी रिन्यू न करा ले। पॉलिसी रिन्यू होने के बाद बीमा कंपनियाँ उन्हें भूल जाती हैं। अगर धोखे से पॉलिसीधारक के परिवार का कोई बीमित सदस्य बीमार पड़ जाए और अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो बीमा कंपनियाँ मुँह मोड़ लेती हैं। कैशलेस से इनकार करने के बाद जब बीमा कंपनी में बिल सबमिट किए जाते हैं तो तरह-तरह के बिलों व दस्तावेजों की माँग की जाती है। सारे दस्तावेज जब बीमा कंपनी में उपलब्ध कराए जाते हैं तो उसमें क्वेरी निकालकर महीनों चक्कर लगवाए जाते हैं और उसके बाद अनेक खामियाँ निकालकर बीमित का क्लेम निरस्त करने का गोलमाल बीमा कंपनियाँ करती हैं। पीड़ितों का आरोप है कि बीमा कंपनियों के जिम्मेदार हमारे साथ धोखा कर रहे हैं और जिम्मेदार हमारी सुध नहीं ले रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

सीने में दर्द होने के कारण होना पड़ा था अस्पताल में भर्ती

ग्वालियर निकोनिया मोरार निवासी देवेन्द्र सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी ले रखी है। अगस्त 2022 में अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। अस्पताल से बीमा कंपनी में कैशलेस के लिए मेल किया गया था पर क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के सदस्यों ने बिल सबमिट करने पर पूरा भुगतान करने का वादा किया था। ठीक होने के बाद सारे बिल व अस्पताल की रिपोर्ट बीमा कंपनी में सबमिट की गई थी। बीमा कंपनी ने पॉलिसी क्रमांक 000000026599665 का क्लेम नंबर आरआई 599444831आईएन जनरेट किया था। बीमा कंपनी के द्वारा जल्द ही भुगतान करने का वादा किया गया था। बीमित लगातार बीमा कंपनी से संपर्क करते आ रहा था पर जिम्मेदारों के द्वारा बिना कारण बताए ही फाइल को क्लोज कर दिया गया। बीमित ने कई बार मेल किया पर एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया जा रहा है। बीमित का आरोप है कि उसके साथ बीमा कंपनी के अधिकारियों के द्वारा जालसाजी की जा रही है और आम लोगों के साथ गोलमाल कर प्रीमियम राशि वसूलने बस का काम बीमा कंपनी कर रही है, वहीं बीमा कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि परीक्षण करके ही हम कुछ बता पाएँगे।
 

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