प्रीमियम जमा कराने के बाद जन्म-दिनांक नहीं सुधार रही रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी

कई बार मेल करने के बाद भी नहीं कर रहे जिम्मेदार सहयोग प्रीमियम जमा कराने के बाद जन्म-दिनांक नहीं सुधार रही रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-06 11:28 GMT
प्रीमियम जमा कराने के बाद जन्म-दिनांक नहीं सुधार रही रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पॉलिसी बेचते समय नए-नए वादे-दावे बीमा कंपनियों के अधिकारी, एजेंट करते हैं। झूठे वादों में आकर आम आदमी अगर पॉलिसी लेता है तो पॉलिसी ब्रोकर के द्वारा चैक ले लिया जाता है। स्वास्थ्य बीमा का चैक जैसे ही क्लियर होता है वैसे ही ब्रांच मैनेजर से लेकर उनसे जुड़े सभी अधिकारी अपना अलग रूप दिखाने लगते हैं।

बीमा का प्रीमियम कटने के बाद मनमर्जी तरीके से फाॅर्म भरकर आम लोगों की पॉलिसी में गोलमाल कर दिया जाता है, जिसने बारीकी से देख लिया और आपत्ति दर्ज कराते हुए सुधार करने के लिए कहा जाता है, तो बीमा कंपनी आश्वासन देकर चुप्पी साध लेती है। ऐसा ही एक पीड़ित अपनी व परिवार के सदस्यों की जन्म-दिनांक सुधारवाने के लिए महीनों से बीमा कंपनी के चक्कर लगा रहा है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

बीमा कंपनी को 6 बार मेल कर चुका पॉलिसीधारक

कटनी शिवाजी नगर निवासी शिव नारायण पटैल ने अपनी शिकायत में बताया कि रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा कराया हुआ है। पॉलिसी में पत्नी सोमवती, बेटा विशेष तथा बेटी अशिंका का नाम है। यह पॉलिसी स्वास्थ्य बीमा की है और इसका प्रीमियम भी बीमा कंपनी के द्वारा काट लिया गया है। बीमित के घर जब पॉलिसी पहुँची तो उसमें चारों पॉलिसीधारकों की जन्मतिथि गलत दर्ज है।

परीक्षण उपरांत बीमित ने कंपनी के टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया, तो जिम्मेदारों ने कहा कि आप मेल कर दें तो उसमें सुधार हो जाएगा। शिव ने मेल किया, पर वहाँ से किसी तरह का जवाब नहीं आया। जन्म-दिनांक सुधरवाने के लिए बीमित एक नहीं, बल्कि 6 मेल बीमा कंपनी में कर चुका है, पर आज तक उसकी पॉलिसी में सुधार नहीं हुआ है। आरोप है कि बीमा कंपनी के द्वारा यह गड़बड़ी जानबूझकर की जाती है कि जब जरूरत पड़ेगी तो किसी न किसी तरह की गलतियाँ निकालकर क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा और बीमित को लाभ देने के बजाय अपनी कंपनी को लाभ देंगे। पीड़ित का कहना है कि जल्द सुधार नहीं हुआ तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में रिलायंस इंश्योरेंस के खिलाफ वे केस करेंगे।

 

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