रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी ने नाॅमिनी को नहीं दिया क्लेम
लंबे समय से पत्नी लगा रही चक्कर रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी ने नाॅमिनी को नहीं दिया क्लेम
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। प्रत्येक बीमा कंपनी 24 घंटे सातों दिन वर्क करने का दावा करती हैं, पर जब पॉलिसीधारक को आवश्यकता होती है तो लाभ देने में पीछे हट रही हैं। यह आरोप आम उपभोक्ताओं के द्वारा लगाए जा रहे हैं। दावे व वादे तो हजार किए, पर आम नागरिकों से जरूरत के वक्त बीमा कंपनियों ने दूरियाँ बनाकर रखीं। बीमा कंपनियों के जिम्मेदार परीक्षण के नाम पर महीनों निकाल देते हैं और उसके बाद अचानक उक्त प्रकरण में क्लेम देने से इनकार कर देते हैं। यह किसी एक मामले में नहीं, बल्कि अनेक पॉलिसीधारकों के साथ ऐसा ही किया जा रहा है। यहाँ तक कि अनेक मामलों में मौत के बाद भी बीमा कंपनियों के द्वारा क्लेम नहीं दिया जा रहा है। पॉलिसीधारक प्रशासन के अधिकारियों से बीमा कंपनियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की माँग लगातार कर रहे हैं।
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पाँच साल बीत गए, पर नहीं मिला पीड़िता को न्याय
छिंदवाड़ा निवासी पुष्पा ने अपनी शिकायत में बताया कि पति अशोक गुप्ता ने रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से बीमा कराया हुआ था। बीमा कंपनी का प्रीमियम भी जमा करते आ रहे थे। अचानक पति अशोक बैठे-बैठे बेहोश हो गए और अस्पताल लेकर गए तो वहाँ पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पॉलिसी क्रमांक 51932885 के एवज में बीमा कंपनी में क्लेम किया था। बीमा कंपनी में मृत्यु प्रमाण पत्र व डॉक्टरों की रिपोर्ट दी थी। बीमा अधिकारियों ने जल्द ही पूरे प्रकरण का निराकरण करने का वादा किया था। वर्ष 2015 से नॉमिनी पुष्पा (रिश्ते में पत्नी) लगातार बीमा कंपनी में संपर्क कर रही है, पर बीमा अधिकारी किसी भी तरह की मदद नहीं कर रहे हैं। बीमित का आरोप है कि कई मेल किए और टोल फ्री नंबर पर संपर्क करने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला, तो परेशान होकर बीमित को कंज्यूमर कोर्ट में रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध केस करना पड़ा। नाॅमिनी का आरोप है कि बीमा कंपनी के जिम्मेदारों के द्वारा गोलमाल करते हुए हमारे साथ जालसाजी की गई है।