परिजनों को नहीं मिला इनामी डकैत गौरी का शव

रात में ही कराया अंतिम संस्कार, परिजनों में आक्रोश परिजनों को नहीं मिला इनामी डकैत गौरी का शव

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-01 10:17 GMT
परिजनों को नहीं मिला इनामी डकैत गौरी का शव

डिजिटल डेस्क सतना। चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा थाना अंतर्गत माडो-बांध के पास शनिवार तड़के एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए साढ़े 5 लाख के इनामी डकैत गौरी उर्फ उदयभान यादव निवासी छोटी बिलहरी के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने परिजनों के सुपुर्द नहीं किया, बल्कि कर्वी के मुक्तिधाम ले जाकर रात में ही अंतिम संस्कार करा दिया। गौरतलब है कि लगभग दो दशक तक तराई में बंदूक लेकर अपराध के रास्ते पर चलने वाले डकैत ने एमपी और यूपी के 10 थाना क्षेत्रों में आधा सैकड़ा से अधिक अपराधिक घटनाएं की थीं, जिनमें 3 लोगों को खंभे से बांधकर गोली मार देने की सनसनीखेज वारदात भी शामिल है। बीते कई सालों से डकैत ने सरकारी कामों में कमीशन, व्यापारियों और आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों से रंगदारी और अपहरण कर फिरौती वसूलने का आसान रास्ता अपना लिया था। बबुली कोल के मारे जाने के बाद एमपी और यूपी की पुलिस ने हर कीमत पर गौरी यादव का खात्मा करने का मन बनाया था, जिसमें उत्तरप्रदेश की एसटीएफ को सफलता मिल गई। गैंग के बाकी बचे डकैतों की तलाश और सालों से उसकी मदद करते आ रहे लोगों को भी बेनकाब करने का भी अभियान शुरू कर दिया गया है।
पत्नी पर भी कर चुका है फायर —-
दुर्दान्त डकैत गौरी यादव ने विरोधियों और आम ग्रामीणों के साथ अपनों को भी नहीं बख्शा। कई साल पहले उसने अपनी पत्नी हीराकली यादव पर भी फायर कर दिया था, जिसमें वह बाल-बाल बच गई। पति के अपराधों से तंग आकर एक दशक पहले ससुराल छोड़कर मायके बाराकादर थाना पहाड़ी चली गई, मगर जब वहां भी गौरी का आना-जाना शुरू हो गया तो बबेरू थाना क्षेत्र के उमरहनी स्थित ननिहाल में रहने लगी। उसने दोनों बेटियों की शादी कर दी है, जबकि बेटे साथ में ही रहते हैं। पिछले कई सालों से हीराकली का पति से आमना-सामना नहीं हुआ था। पति के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद ही वह रविवार को ससुराल पहुंची। उधर गांव में मारे गए डकैत के घर के बाहर मां राजरानी समेत कुछ परिजन और रिश्तेदार एकत्र हुए थे। इसके अलावा पूरे गांव में सन्नाटे जैसी स्थिति बनी हुई है। गांव के बाहर यूपी पुलिस का भी पहरा लगा हुआ है।

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