पाठ्यक्रम में पंचशील का करें शामिल
धम्म परिषद में उठाई आवाज पाठ्यक्रम में पंचशील का करें शामिल
डिजिटल डेस्क, बुलढाणा। राष्ट्र का भवितव्य जिनमें खोजा जाता है, वह आज का युवक अंधश्रध्दा व अज्ञान के कारण भटक रहा है। इससे राष्ट्र अंधेरे की खाईं में जाने का खतरा पैदा हुआ है। राष्ट्र को इस संकट से बचाने के लिए बुध्द तत्व प्रणाली की जरूरत है। बुध्द तत्व प्रणाली ही देश को बचा सकती है। इसी के चलते वैज्ञानिक विचारों की पीढी निर्माण करने हेतु प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में भगवान बुध्द ने बताए पंचशील समाविष्ट करें, ऐसी मांग मुलावा के पूज्य भदन्त डॉ. खेमधम्मो महास्थवीर ने की।
स्थानीय मलकापुर मार्ग पर स्थित महाबोधी बुध्द विहार धम्मगिरी परिसर में दि.बुध्दिस्ट ग्लोबल चैरीटेबल ट्रस्ट बुलढाणा व महाबोधी बुध्द विहार समिति की ओर से रविवार २७ मार्च को आयोजित बौध्द धम्म परिषद के प्रथम सत्र में उपस्थित बुध्द उपासक उपासिकों को धम्म देसना देते समय वह बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बुध्द ने पंचशील तत्व में चोरी न करें, झूठ न बोलें, शील का अनुपालन करें, व्देष भावना न रखें व मूक जीवों पर दया करें, एेसा संदेश दिया है। यह पांच तत्व अगर बचपन से बालकों के मन मस्तिष्क पर डाले जाएं तो बालकों के मन संस्कारित होंगे, इससे बालकों के मन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण निर्माण होगा, इससे वैज्ञानिक विचारों की पीढी निर्माण होगी, एेसा विश्वास भी उन्होंने व्यक्त किया। प्रारंभ में अखिल भारतीय भिक्षु संघ के राज्य अध्यक्ष पूज्य भदंन्त बोधीपालो महास्थविर के हाथों पंचशील धम्म ध्वजारोहण कर मानवंदना देने के पश्चात धम्म परिषद प्रारंभ हुआ। परिषद की अध्यक्षता औरंगाबाद के भदंत्न बोधीपालो महाथेरो ने की। इस समय मंच पर पुर्णा निवासी भदंन्त डॉ.उपगुप्त महाथेरो, पू.भदंन्त ज्ञानरक्षित थेरो, नाशिक के प्रसिध्द लेणी अभ्यासक प्रा.डॉ.अतुल भोसेकर आदि उपस्थित थे।
प्रबोधन सत्र में पू.भदंन्त ज्ञानरक्षित थेरो ने वर्तमान परिस्थिति में धम्म प्रचार के लिए भिख्खु व उपासकों का कर्तव्य, इस विषय पर तथा बुध्दकालीन इतिहास के तज्ञ प्रा. पडघान ने सम्राट अशोक कालीन बौध्द वारसा भोन, विषय पर उद्बोधन किया। धम्म परिषद में बुलढाणा जिले के बहुसंख्य बुध्द उपासक, उपासिका उपस्थित थे। धम्म परिषद का हेतु दि.बुध्दिस्ट ग्लोबल चैरीटेबल ट्रस्ट के सचिव कुणाल पैठणकर ने प्रस्तावना में व्यक्त किया। इस समय दि.बुध्दिस्ट ग्लोबल चैरीटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष निवृत्त उपजिलाधिकारी रमेश घेवंदे आदि उपस्थित थे।