पहले खारिज बाद में स्वीकार की अपील
सतना पहले खारिज बाद में स्वीकार की अपील
डिजिटल डेस्क सतना। एक ही मामले की प्रस्तुत अपील पर एसडीओ कोर्ट के 2 विरोधाभासी आदेश सामने आए हैं। पहली अपील में जहां एसडीओ रघुराजनगर ने नामांतरण आदेश को सही मानते हुए अपील खारिज कर दिया, वहीं 1 साल बाद पुन: नामांतरण के खिलाफ प्रस्तुत अपील को स्वीकार कर नामांतरण आदेश को निरस्त कर दिया। कार्रवाई इतनी तेज हुई कि 2 दिन के अंदर ही तहसीलदार ने भी एसडीओ के आदेश का पालन किए जाने का निर्देश पटवारी को दे दिया और पटवारी ने भी तत्काल ही आदेश का पालन राजस्व रिकॉर्डों में दर्ज कर दिया।
ये है मामला —-
चाणक्यपुरी कॉलोनी निवासी अल्ताफ आलम ने बताया कि उसने मौजा सोनौरा के उतैली में आराजी नम्बर 36/1/3 का अंशभाग 22 सितम्बर 2010 को भूमि स्वामी रामजी सोई से जरिए रजिस्ट्री खरीदा था। अविवादित प्रकरण होने पर पटवारी ने पंजी क्रमांक 3 के द्वारा 23 अक्टूबर 2010 को नामांतरण किया, जिसे तहसीलदार ने प्रमाणित कर दिया। इस तरह से वह आराजी का मालिक भूमि स्वामी राजस्व रिकॉर्डों में दर्ज हो गया और तब से वह लगातार झोपड़ी बनाकर काबिज दाखिल चला आ रहा है।
इस आधार पर निरस्त —-
वर्ष 2016 में सुशीला द्विवेदी ने तहसीलदार के समक्ष नामांतरण किए जाने का आवेदन पेश किया, जो कि राजस्व प्रकरण क्रमांक 41अ6 के रूप में दर्ज किया गया। सुनवाई के बाद तब के रघुराजनगर तहसीलदार ने 8 जनवरी 2016 को आदेश करते हुए नामांतरण का आवेदन निरस्त कर दिया। इस प्रकरण में रामजी सोई ने इस आशय की आपत्ति दर्ज कराई थी कि आराजी नम्बर विक्रय पत्र में ही गलत है। नामांतरण आवेदन निरस्त किए जाने के विरूद्ध सुशील द्विवेदी पत्नी दिनेश्वर प्रसाद द्विवेदी निवासी भरहुत नगर ने अपील अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के समक्ष पेश किया, जो अपील प्रकरण 115 के रूप में दर्ज हुआ। एसडीओ रघुराजनगर ने 15 अप्रैल 2019 को अपीलार्थी की सुनवाई कर और इस आशय के पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर की कोई रकवा आराजी नम्बर 36/1/3 और 36/1/4 में शेष नहीं हैं और विक्रय रकवा वर्तमान रकवे से कम होने का हवाला देते हुए अपील निरस्त कर दिया और अल्ताफ आलम के पक्ष में पारित नामांतरण आदेश को वैध माना।
एकपक्षीय आदेश —-
फरियादी अल्ताफ आलम के पक्ष में पंजी क्रमांक 3 में पारित किए गए नामांतरण आदेश के विरूद्ध पुन: अपील एसडीओ रघुराजनगर के समक्ष प्रस्तुत की गई। अपील में यह आधार लिया गया कि अल्ताफ आलम के नाम हुए नामांतरण की जानकारी नहीं हुई। जानकारी होने पर यह अपील की गई है। जबकि इसके पूर्व ही इसी मामले में 8 जनवरी 2016 को तब के तहसीलदार रघुराजनगर और 15 अप्रैल 2019 को एसडीओ रघुराजनगर ने अपील निरस्त किया था। अपील क्रमांक 69 की सुनवाई कर अल्ताफ आलम के नाम हुए नामांतरण को अपील स्वीकार कर निरस्त कर दिया।