तीसरी मंजिल से कूदने वाली थी मनोरोगी

वर्धा तीसरी मंजिल से कूदने वाली थी मनोरोगी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-29 14:58 GMT
तीसरी मंजिल से कूदने वाली थी मनोरोगी

डिजिटल डेस्क, वर्धा. रामनगर की एक तीन मंजिला इमारत से शुक्रवार को एक मनोरोगी महिला कूदने ही वाली थी कि नागरिकों की सतर्कता और पुलिसकर्मियों की मदद से उसकी जान बचा ली गई । यह महिला पिछले दस वर्ष से मानसिक रोग से पीड़ित थी। उसके परिजन उसे गुरुवार को उपचार के लिए उसे सेवाग्राम अस्पताल ले आए थे। लेकिन उसे कार में बिठाकर जब परिजन दवाइयां लेने गए तो वह महिला गायब हो गई थी। एक दिन तक गायब रहने के बाद शुक्रवार को वह रामनगर की तीन मंजिला इमारत पर दिखाई दी। जानकारी के अनुसार यह महिला पिछले 10 साल से मानसिक रोग से परेशान थी। सेवाग्राम अस्पताल से गायब होने के बाद उसकी तलाश की गई लेकिन उसका कोई पता नहीं चला तो परिजन परेशान थे। महिला अगले दिन शुक्रवार 28 अक्टूबर को रामनगर में मौजूद तीन मंजिला इमारत पर चढ़कर आत्महत्या करने का प्रयास करते हुए परिसर के नागरिकों को दिखाई दी। इसके पश्चात नागरिकों ने तत्काल रामनगर पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने समय सूचकता दिखाते हुए 
मनोरोगी महिला को बिल्डिंग से कूदने से पहले ही बचा लिया।

आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस ने उक्त महिला को जिला शासकीय अस्पताल के सखी वन ऑफ सेंटर को सुपुर्द किया गया। जहां सेंटर की प्रशासक रेश्मा रघाटाटे और उनकी टीम के अथक प्रयास करते हुए महिला से उसके परिजनों का पता पूछता तो  महिला ने अपने भाई का नाम बताया। जिसके आधार पर सखी वन ऑफ सेंटर की टीम ने परिजनों से तत्काल संपर्क कर परिजनों को बुलाया और महिला का उपचार कर उसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया। सखी वन ऑफ सेंटर के इस प्रयास से एक महिला जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, वह सही सलामत अपने परिजनों तक पहुंच पाई। इस कार्य में जागरुक नागरिक, रामनगर पुलिस की एएसआई सुनीता ठाकरे, सखी वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक रेश्मा रघाटाटे, एड. सीमा देशमुख, शारदा कुमरे, विशाखा दुपारे, आशीष भरने का अमूल्य योगदान रहा।

एक दिन गायब थी
मानसिक रोगी महिला अस्पताल के परिसर से गायब होने के बाद पूरे एक दिन तक गुमशुदा रही। उसकी तलाश में महिला का पूरा परिवार परेशान हो गया था। लेकिन पुलिस और सखी वन ऑफ सेंटर के माध्यम से महिला फिर आने परिजनों से मिल पाई।

रेश्मा रघाटाटे, प्रशासक, सखी वन ऑफ सेंटर के मुताबिक सखी वन ऑफ सेंटर पीड़ित महिलाओं को समय-समय पर मदद करके उनकों उनके परिजनों के साथ मेल-मिलाप करवाकर उनकी समस्या को सुलझाता है। यही हमारा लक्ष्य और कर्तव्य है। 

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