मेट्रो सिटी में पोल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन की जरूरत है 22 स्टेशन की, हैं मात्र 5

मेट्रो सिटी में पोल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन की जरूरत है 22 स्टेशन की, हैं मात्र 5

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-27 07:25 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। बढ़ते प्रदूषण को लेकर लगातार सवाल खड़े होते हैं। यहां 22 प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन की जरूरत है। परंतु वर्तमान में मात्र पांच ही स्टेशन हैं। ऐसे में प्रदूषण मापने में भी कठिनाई होती है। प्रदूषित शहरों में नागपुर का नाम जुड़ने के बाद तमाम तरह की परेशानियां भी हो रही हैं। खास तौर से मल्टी-मॉडल इंटरनेशनल कार्गो हब एडं एयरपोर्ट एट नागपुर (मिहान) प्रोजेक्ट भी प्रभावित होने लगते हैं। ऐसे बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए 17 और प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। 

शहर में प्रदूषण में पीएम (पार्टिकुलेटर मैटर) 2.5 और पीएम 10 की मात्रा अधिक हो रही है। इसके आधार पर शहर को प्रदूषित शहरों की सूची में रखा गया है। प्रदूषण के 12 मानकों के आधार पर तय किया जाता है कि शहर प्रदूषित है या नहीं। महाराष्ट्र के 17 प्रदूषित शहरों की सूची भारत सरकार ने जारी की थी। ध्यान देने वाली बात यह है कि चंद्रपुर और नागपुर को इस सूची में एक ही श्रेणी में रखा गया है, जबकि चंद्रपुर का प्रदूषण नागपुर से कई गुना ज्यादा है।  ऐसे में शहर के प्रदूषण में वर्गीकरण कर उनका श्रेणी तय करना चाहिए। 

ये हैं पांच मॉनिटरिंग स्टेशन
एमपीसीबी के कार्यालय के ऊपर, संभागीय आयुक्त कार्यालय, शंकरनगर, सदर और हिंगना-टी प्वाइंट नागपुर में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के स्टेशन हैं। तीन मॉनिटरिंग स्टेशन सिविल लाइंस क्षेत्र में हैं, जहां हरियाली अधिक है। इसमें से एक स्टेशन से रिकॉर्ड कर आंकड़ा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को भेजा जाता है।

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प्रदूषण वाले क्षेत्रों में लगे मशीन
शहर में हवा प्रदूषण की स्थिति जानने के लिए अपेक्षाकृत मॉनिटरिंग स्टेशन कम हैं। शहर में जिन क्षेत्रों में प्रदूषण अधिक है, ऐसे क्षेत्रों में स्टेशन होने चाहिए। भांडेवाड़ी, पारडी, महल, थर्मल पॉवर प्लांट के पास और सेंट्रल एवेन्यू रोड ऐसे इलाके हैं, जहां ज्यादा प्रदूषण होता है। 12 मानकों के आधार पर हवा की जांच हो, तभी हम खामियों को सुधारने के िलए योजना तय कर पाएंगे।
-कौस्तभ चटर्जी, संस्थापक, ग्रीन विजिल फाउंडेशन
 

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