नामी अस्पतालों में स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के पॉलिसीधारकों को नहीं किया जाता भर्ती
बीमित ने कहा- हमें कैश राशि जमा कर कराना पड़ा था बेटे का इलाज नामी अस्पतालों में स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के पॉलिसीधारकों को नहीं किया जाता भर्ती
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कराने का प्रमुख उद्देश्य प्रत्येक बीमित का होता है कि जरूरत पर बीमा पॉलिसी काम आएगी। बीमा कंपनियाँ भी पॉलिसी कराते वक्त अपने ग्राहकों को भरोसा देती हैं कि हम सौ फीसदी आपके लिए हमेशा खड़े हैं, पर जब पॉलिसीधारक को बीमा कंपनियों के सहयोग की आवश्यकता होती है, तो उस वक्त बीमा कंपनियाँ अपने हाथ खड़े कर पॉलिसी होल्डर को कर्ज लेने के लिए मजबूर कर देती हैं। पॉलिसीधारकों का आरोप है कि बीमा कंपनियाँ सिर्फ अपना फायदा देखती हैं और अपने ग्राहकों की भलाई के लिए कोई कदम नहीं उठाती हैं। निजी बीमा कंपनियाँ आम लोगों के साथ धोखा करने में लगी हुई हैं यह आरोप पॉलिसीधारकों के द्वारा लगाया जा रहा है और जिम्मेदार विभाग इन पर अकुंश लगाने में पीछे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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बिल सबमिट करने पर इलाज की राशि में कर दी कटौती
शहडोल जिले के बुढ़ार अरिहंत कॉलोनी निवासी रतन लाल रिझवानी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस सेे पूरे परिवार की पॉलिसी ली है। पॉलिसी क्रमांक पी/201122/01/2023/00146 का कैशलेस कार्ड भी मिला है। बेटा विशाल मुंबई में रहकर पढ़ाई करता है। उसे स्वाइन फ्लू हो गया था और गंभीर अवस्था में नामी निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वहाँ पर स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया गया तो अस्पताल ने स्टार के पॉलिसीधारकों को कैशलेस करने की प्रक्रिया से मना कर दिया और कहा कि बीमा कंपनी भुगतान नहीं करती है।
आपको कैश जमा करने के उपरांत ही इलाज मिल सकता है। परिजनों के द्वारा जब कैश राशि जमा की गई तब जाकर विशाल का इलाज शुरू हुआ। बेटे के ठीक होने के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल सबमिट किए गए तो बीमा कंपनी ने पहले काफी परेशान किया और उसके बाद बिलों में कटौती कर दी। दवाइयों, अनेक प्रकार की जाँचों सहित अनेक प्रकार के बिलों में कटौती करते हुए बिल का भुगतान किया। बीमित ने सारे तथ्य रखे उसके बाद भी स्टार हेल्थ कंपनी के द्वारा किसी भी तरह का सहयोग नहीं दिया जा रहा है।