मछली का शिकार करने अरुणावती बांध के पानी में मिलाया जहर

मछुआरों की करतूत   मछली का शिकार करने अरुणावती बांध के पानी में मिलाया जहर

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-31 14:08 GMT
मछली का शिकार करने अरुणावती बांध के पानी में मिलाया जहर

डिजिटल डेस्क, दिग्रस। जिस अरुणावती बांध से 36 गांवों को जलापूर्ति होती है। उस बांध में अवैध मछलीमारी करनेवालों द्वारा जहर मिलाए जाने की खबर से हड़कंप मच गया। मामला रविवार को सामने आया। बांध के पानी में जहर मिलाने की घटना से 36 गांवों के नागिरकों केे स्वास्थ्य का प्रश्न भी निर्माण हुआ है। साथ ही जहर देकर मारी गई मछली खानेवालाें का स्वास्थ्य भी खतरे में आ गया है। अवैध मछली पकड़नेवालों ने अरुणावती बांध के पानी में जहर डालकर मछली पकड़ने का प्रयास किया। ऐसी जानकारी अरुणावती बांध में मछली का ठेका लेनेवाले संस्था के प्रतिनिधि फिरोज आलम और उनके साथियों ने रविवार को  बांध परिसर में उपस्थित संवाददाताओं को दी । इसकी थाने में शिकायत भी हुई है। फिर भी कार्रवाई नहीं हुई है। विदर्भ के बड़ी परियोजना में दिग्रस के अरुणावती बांध का समावेश है। यहां पर मछलियां मारने के लिए जहर का प्रयोग किया जा रहा है।  उल्लेखनीय है कि इस बांध से 36 गावों को जलापूर्ति होती है। ऐसे में पानी पिनेवाले लोगों के जान पर बन आ सकती है। अरुणावती बांध की मछलियों का ठेका ब्रिझ फिशरीज मुंबई ने लिया है। यह संस्था उसकी यंत्रणा से बांध से मछली पकड़ती है। मगर ऐसे में अवैध मछली पकड़नेवालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यही लोग कम समय में ज्यादा मछली पकड़ने के लिए पानी में जहर डाल देते हंै। जिसके बाद मछलियां मरकर ऊपर आती है। यह मछलियां भी विषैली होने के कारण मछलियां खानेवालों के जान पर बीत सकती है। यह बात ठेकेदार संस्था को पता चलतेही उन्होंने लिखित रूप से सिंचाई विभाग के अरुणावती के इंजीनियर विनोद बागुल और थानेदार पांडुरंग फाडे को इसकी शिकायत दी। अवैध मछलीमारों पर अंकुश लगाने के लिए बांध परिसर में पेट्रोलिंग शुरू करने की मांग की गई किंतु अनदेखी गई। बांध में कई स्थानों पर मछली झींगे और अन्य जलचर प्राणी पानी पर मृत अवस्था में तैरते नजर आए। उस पानी की जांच करने पर पानी में जहर डालने का पता चला। इस बांध के किनारे जहर के खाली डिब्बे भी पाए गए हैं। इस मामले में दोषी पर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की गई है। 

पुलिस थाने में सिर्फ मारपीट की शिकायत - अरुणावती बांध में मछली पकड़ने का ठेका प्राप्त कंपनी के ठेकेदार बिलाल खान के एक मजदूर ने शनिवार 28 मई को पुलिस थाने में शिकायत दी। जिसमें 4 आरोपियों ने मारपीट कर धमकाया और मछली चोरी करने की बात कही है। जिसमें कहीं भी बांध में जहर मिलाने की बात नहीं की गयी है। घटना की शिकायत दिग्रस तहसील का ग्राम शिवापुर निवासी गजानन वाघाडे (39) ने दी। शनिवार की सुबह 4 लोग अरुणावती बांध में मछली, झींगे चोरी करते दिखाई दिए। गजानन और उनके साथियों के आने पर आरोपी मौके से भाग खड़े हुए। सुबह 11 बजे  जालना जिले का सावंगी तालाब निवासी आरोपी सुरेश भंडारे, पुराना दारव्हा मार्ग निवासी आरोपी राजु मेंढरे, विठ्ठल मेंढरे  व कुणाल मेंढरे ने गजानन से  मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। शिकायत अनुसार आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 379, 511, 324, 504, 506, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है।

साइपरगार्ड नामक जहर के चार खाली डिब्बे मिले

साइपर गार्ड यह एक घातक कीटनाशक है। इस डिब्बे पर ही लिखा रहता है कि इसे बच्चों से दूर रखीए। इतना यह जहरीला है। यही जहर के चार खाली डिब्बे अरुणावती बांध परिसर में मिले हैं। ऐसी जानकारी ठेकेदार द्वारा पूछने पर दी गई है। 

शिकायत मिली हैं,  जांच करेंगे

विनोद बागुल, कार्यकारी अभियंता, अरुणावती परियोजना केे मुताबिक अरुणावती परियोजना से दिग्रस शहर समेत वाशिम जिले का मानोरा शहर और आसपास के कुल 36 ग्रामों को जलापूर्ति होती है। इन 36 गांव की जनसंख्या सिंचाई विभाग के पास नहीं है।  रविवार से पहले बांध के पानी में  अवैध मछली पकड़नेवालों ने जहर मिलाने से मछलियां मरी पायी जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। जिसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। बीते एक वर्ष के कार्यकाल में मुझे यह पहली शिकायत प्राप्त हुई है। पानी में जहर की मात्रा है या नहीं इसकी जानकारी जांच के बाद नप प्रशासन दे सकता है।

 

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