मौत के सात साल बाद भी नहीं मिला पीएम सुरक्षा योजना का क्लेम
बैंक के चक्कर लगा रहे परिजन मौत के सात साल बाद भी नहीं मिला पीएम सुरक्षा योजना का क्लेम
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अनेक बीमा कंपनियों ने आम लोगों को लाभ पहुँचाने का दावा करते हुए कई योजनाएँ लाॅन्च कीं। योजनाओं का लाभ लेने के लिए आम लोगों ने प्रीमियम भी जमा करना शुरू कर दिया पर जब जरूरत पड़ी तो पॉलिसीधारकों को निराशा ही हाथ लगी। अस्पताल में कैशलेस नहीं करना। बीमित के द्वारा ठीक होने के उपरांत बिल व रिपोर्ट सबमिट की जाती है तो उसमें अनेक खामियाँ निकालकर भटकाना शुरू कर दिया जाता है।
पॉलिसीधारक सभी कुछ सत्यापित कराकर जमा करता है तो क्लेम डिपार्टमेंट के अधिकारी उसमें नियमों का हवाला देकर नो क्लेम कर देते हैं। यहाँ तक कि मौत होने के बाद नियम के तहत जो भुगतान बीमित के नाॅमिनी को दिया जाना है वह भी बीमा कंपनियाँ नहीं दे रही हैं। बैंकों के माध्यम से होने वाली प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का भी लाभ नहीं दिया जा रहा है। पॉलिसीधारकों के परिजन बीमा कंपनियों व बैंक के अधिकारियों पर गोलमाल करने का आरोप लगा रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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सारे दस्तावेज जमा करने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई
छिंदवाड़ा अमरवाड़ा ग्राम सारसडोल निवासी पूरा बाई गौंड ने शिकायत में बताया कि उसके पति विषन उर्फ लल्लू गौंड की दिसम्बर 2017 में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। पति का अकाउंट मप्र ग्रामीण बैंक में था। उनके खाते से प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा की राशि कटती थी। यह राशि प्रतिवर्ष कटती आ रही थी। पति की मौत के बाद परिजनों की मदद से सारे दस्तावेज बैंक में सबमिट किए गए थे। बैंक से उसे रिसीविंग वाला कागज दिया गया था। कागज देने के बाद अधिकारियों ने कहा था कि जल्द ही उसे राशि मिल जाएगी। यह राशि बैंक खाते में ही आने का उल्लेख किया गया था। पूरा बाई बैंक अधिकारियों के आश्वासन के बाद पूरी तरह भरोसे में आ गई थीं कि उसे क्लेम मिल जाएगा। पीड़िता का आरोप है कि सालों बीत जाने के बाद भी बैंक अकाउंट में एक रुपए भी नहीं आए। वह रिश्तेदारों की मदद से लगातार संपर्क कर रही है पर बैंक अधिकारी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। उनके बताए पते पर लेटर भी भेजा पर वहाँ से कोई जवाब नहीं मिला। पूरा बाई का आरोप है कि सात साल बाद भी उसे न्याय नहीं मिल रहा है।