पयूर्षण पर्व प्रारंभ, चंद्रायतन जैन मंदिर में विविध कार्यक्रम हुये आयोजित

बृजपुर पयूर्षण पर्व प्रारंभ, चंद्रायतन जैन मंदिर में विविध कार्यक्रम हुये आयोजित

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-01 11:07 GMT
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डिजिटल डेस्क, बृजपुर । जैन धर्म में १० लक्षण पर्व का बहुत ही महत्व है इसे पर्यूषण पर्व के नाम से भी जानते है। १० लक्षण पर्व दिगम्बर जैन परंपरा के अनुसार इस वर्ष ३१ अगस्त से ०९ सितम्बर तक मनाया जा रहा है। पर्यूषण पर्व का आज उत्साह एवं श्रद्धा के साथ शुभारंभ हो गया है प्रथम दिवस को उत्तम क्षमा के पर्व के रूप में मनाया गया। बृजपुर अतिशय क्षेत्र चंद्रायतन जैन मंदिर बृजपुर में उत्तम क्षमा दिवस के दिन श्री जी का जलाभिषेक का प्रथम शान्तिधारा करने का सौभाग्य विमल कुमार जैन परिवार महेन्द्र कुमार,धर्मेन्द्र कुमार सगरा को प्राप्त हुआ आरती पूजन कार्यक्रम उपरांत कर्नाटक से आई बहिन ब्रह्मचारिणी शैला दीदी द्वारा तत्वार्थ सूत्र का वाचन किया गया। पर्यूषण पर्व पर प्रतिदिन ०३ बजे से कक्षा प्रांरभ होगी। रात्रि ०८ बजे प्रवचन संास्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगें आज प्रवचन कार्यक्रम में बताया गया कि उत्तम क्षमा धर्म का पालन करते हुये जिन्होने हमारे साथ अन्याया किया है उन्हे क्षमा करे और उनसे क्षमा मांगे जिन्होने हमारे साथ अन्याय किया है क्षमा न केवल मानव सहयोगियों से मांगी जाती है बल्कि एक इंद्रीय से लेकर पांच तक के सभी जीवित प्राणियों से मांगी जाती है। यदि हम क्षमा नही करते तो या क्षमा नही मांगते तो हम अपने ऊपर दुख लाते है। क्षमा धर्म मानने से मन को शान्ति मिलती है बताया गया है कि किसी ने आपके प्रति कोई दुव्र्यवहार किया दुर्वचन कहे और गलत कार्य किया सामथ्र्य हाने पर उसके अपकार को समता भाव से सह लेना प्रतिकार नही करना ही क्षमा है। क्षमाधर्म आत्मा को उसके वास्तविक स्वरूप पर चिंततन करने के लिये प्रोत्साहित करके अपनी सही पहचान करना है। 
१० लक्षणों का पर्व है पर्यूषण पर्व 
जैन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पर्यूषण यानि १० लक्षण पर्व विभिन्न धार्मिक क्रियाओं द्वारा आत्मशुद्धि करने एवं जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति पाने का प्रयास है। माना जाता है कि जब तक अशुभ कर्माे के बंधन से मनुष्य नही छूटेगा। तब तक मोक्क्ष की प्राप्ति नही की जा सकती यह जीवन में बदलाव लाने का पर्व है जैन धर्म के अनुसार १० लक्षण पर्व के दोैरान १० धर्माे जैसे उत्तम क्षमा,उत्तम मार्दव,उत्तम आर्जव,उत्तम शौच,उत्तम सत्य,उत्तम संयम,उत्तम सत्य,उत्तम आकिचन एवं उत्तम बह्मचार्य को धारण करने की प्रथा है। मान्यता है कि पर्यूषण् पर्व व्यक्ति को क्रोध,लालच,मोह-माया,ईष्र्या असंयम आदि विकारों से मुक्त होने की प्रेरणा देता है 

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