साइबर सेल की सक्रियता से 1.88 लाख का ऑनलाइन फ्रॉड नाकाम

पीडि़त के खाते में वापस लौटी रकम साइबर सेल की सक्रियता से 1.88 लाख का ऑनलाइन फ्रॉड नाकाम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-08 10:04 GMT

डिजिटल डेस्क,सतना। जिला पुलिस की साइबर सेल की सक्रियता के कारण ऑनलाइन ठगी के शिकार कृष्णम गौतम पिता उमेश गौतम, निवासी पन्ना नाका उमरी के बैंक एकाउंट  से उड़ी 1 लाख 88 हजार की रकम उनके खाते में लौट आई। इस फर्जीवाड़े को नाकाम करने का श्रेय साइबर सेल के प्रभारी अनिमेष द्विवेदी के निर्देशन में उनके सहयोगी सब इंस्पेक्टर अजीत सिंह और आरक्षक संदीप सिंह परिहार को जाता है, तो पीडि़त के द्वारा दिखाई गई सक्रियता भी इस सफलता के पीछे अहम कारण रही। ठगी होने के महज 30 मिनट के अंदर ही कृष्णम ने साइबर सेल पहुंचकर शिकायत दर्ज करा दी, जिसका नतीजा यह रहा कि जालसाज को रुपए दूसरे खातों में भेजने का मौका नहीं मिला।

कहां हुई गलती

ऑनलाइन ठगी के जाल से बाल-बाल बच निकले कृष्णम गौतम ने 18 फरवरी 2022 को हीरो स्प्लेंडर बाइक खरीदी थी, मगर नवंबर महीने में उसके शॉकअप में गड़बड़ी आ गई। तब उन्होंने एजेंसी में सम्पर्क किया, तो लेबर चार्ज के साथ समस्या समाधान की जानकारी दी गई। ऐसे में युवक ने हीरो कंपनी का कस्टमर केयर नम्बर खोजने के लिए गूगल का सहारा ले लिया, मगर जो फोन नम्बर उनके हाथ लगा, वह कंपनी का न होकर ऑनलाइन ठग का निकला।

डाउनलोड कराया एनीडेस्क एप 

कृष्णम ने 15 नवंबर की दोपहर 12 बजे पन्ना नाका स्थित एजेंसी के बाहर खड़े होकर जैसे ही उक्त नम्बर पर फोन लगाया तो जालसाज ने मात्र 10 रुपए के खर्च में शॉकअप बदल जाने का लुभावना वादा कर बातों में फंसा लिया और एनीडेस्क एप डाउनलोड कराते हुए एटीएम कार्ड के फ्रंट और बैक साइड को स्केन कर बैंक खाते की गोपनीय जानकारी प्राप्त कर लिया। इतना ही नहीं युवक के मोबाइल को एनीडेस्क एप के जरिए रिमोट पर लेकर पेटीएम का गुप्त कोड हासिल कर 50 हजार रुपए फ्लिपकार्ट के वॉयलेट में ट्रांसफर कर महंगा मोबाइल खरीद लिया। इधर जैसे ही बैंक खाते से बड़ी रकम निकली तो कृष्णम को गड़बड़ी का एहसास हो गया, लिहाजा वह तुरंत भागकर साइबर सेल चले गए, मगर तब तक जालसाज ने खाते से और 1 लाख 30 हजार उड़ाकर एमेजन से महंगी चीजों की शॉपिंग कर डाली।

तुरंत शिकायत, तेज एक्शन, 21 दिन में लौटी रकम 

कार्यालय में मौजूद उपनिरीक्षक अजीत सिंह ने पीडि़त युवक की शिकायत सुनकर अपने सहयोगी आरक्षक संदीप सिंह को बुलाया और मोबाइल का इंटरनेट बंद कराने के साथ ही एनीडेस्क एप डिलीट करा दिया। उन्होंने आनन-फानन फ्लिपकार्ट और एमेजन कंपनी की नोडल एजेंसियों को ई-मेल कर ऑनलाइन फ्राड से अवगत कराते हुए खरीदे गए सामान की डिलेवरी और वॉलेट से रकम निकालने पर रोक लगवा दी। इसके बाद निर्धारित फार्मेट में शिकायत भेजकर रकम वापसी की प्रक्रिया शुरू कराई। अंतत: 21वें दिन कृष्णम के बैंक ऑफ महाराष्ट्र में संचालित एकाउंट में 1 लाख 88 हजार रुपए वापस आ गए। इतनी बड़ी रकम वापस लौटने से कृष्णम की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने फौरन साइबर सेल पहुंचकर सब इंस्पेक्टर अजीत सिंह और उनकी टीम की जमकर सराहना करने के साथ ही सम्मान पत्र और शाल भेंटकर पूरी टीम का सम्मान किया। वहीं पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने भी साइबर सेल की जमकर पीठ थपथपाई।

सतर्कता ही बचाव 

जिला पुलिस और साइबर सेल के द्वारा लगातार ऑनलाइन फ्रॉड व साइबर क्राइम के संबंध में लोगों को आगाह किया जाता है। गूगल के जरिए कस्टमर केयर के नम्बर सर्च करने के साथ ही एनीडेस्क जैसे एप डाउनलोड न करने की सलाह दी जाती है, तो ऑनलाइन फ्रॉड होने पर चौबीस घंटे के अंदर नजदीकी थाने अथवा साइबर सेल में शिकायत करने पर नुकसान को कम से कम करने की बात भी प्रचारित की जाती रही है। मगर आमजन अक्सर चेतावनी को नजर अंदाज कर देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें बड़ी रकम गंवाकर भुगतना पड़ता है।

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