गरीबों के निवाले पर की जा रही कटौती को अफसरों ने पकड़ा
कटनी गरीबों के निवाले पर की जा रही कटौती को अफसरों ने पकड़ा
डिजिटल डेस्क, कटनी । शासकीय उचित मूल्य दुकान पिलौंजी में गरीबों के निवाले पर विक्रेता के द्वारा की जा रही कटौती को अफसरों ने मंगलवार को पकड़ लिया। वितरण और स्टॉक में अंतर मिलने के बाद जब मौके पर उपभोक्ताओं से राशन वितरण की जानकारी ली तो सभी ग्रामीण एक स्वर में बोल उठे कि दुकानदार के द्वारा कम आवंटन का बहाना बनाकर अरसे से उनके थाली से अनाज की कटौती की जा रही है। यहां तक की पीओएस मशीन से ग्राहकों को पावती भी नहीं दी जा रही थी। जून का वितरण तो उसी माह हो जाना था, लेकिन विक्रेता इस तरह से लेट-लतीफी दिखाया कि 5 जुलाई तक सभी उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिला था। जांच में खाद्य विभाग से प्रमोद मिश्रा,पीयूष शुक्ला और जितेन्द्र पटेल जांच करने पहुंचे हुए थे।
इस तरह से चल रहा था खेल
इस दुकान से 336 परिवार जुड़े हुए हैं। उपभोक्ताओं ने बताया कि राशन में कटौती का खेल अरसे से चल रहा था। इसके लिए दुकानदार समय पर दुकान नहीं खोलता था। जून का अनाज तो उपभोक्ताओं को 20 दिन पहले ही मिल जाना था। इसके बावजूद दुकानदार अपने हिसाब से ही दुकान का ताला खोलता रहा। लापरवाही का आलम यह रहता कि ग्राहक दुकान से निराश होकर लौटते और दुकानदार का रटा-रटाया जवाब होता था कि अभी राशन ही नहीं मिला है।
दूसरे के घर में छिपाया था राशन
मौके पर अधिकारियों को ग्रामीणों ने बताया कि दुकानदार के द्वारा समीप के ही एक घर में राशन की बोरियां रखी गई है। हालांकि अधिकारियों का कहना था कि गोदाम में जगह नहीं होने के कारण समीप के एक घर में ही अनाज को दुकानदार ने सुरक्षित रुप से रखाया था। प्रबंधक को कहा गया है कि घर से अनाज की बोरियों को सीधे दुकान में रखा जाए।
उच्चाधिकारियों को देंगे रिपोर्ट
जांच अधिकारी पीयूष शुक्ला ने बताया कि मौके पर उपभोक्ताओं ने कम राशन दिए जाने के आरोप लगाए हैं। साथ ही कई तरह की गड़बड़ी भी सामने आई है। जिसमें जून का वितरण जुलाई में किया जा रहा था। 10 तारीख तक वितरण नहीं करने की स्थिति में राशन लेप्स हो जाएगा। इसलिए पूरा फोकस वितरण को लेकर है। जिसके लिए प्रबंधक की डयूटी लगा दी गई है। अनाज के स्टॉक और वितरण में भी अंतर मिला है।