तेजी से घटी सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की संख्या

तेजी से घटी सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की संख्या

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-04 13:31 GMT
तेजी से घटी सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की संख्या

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक विभाग की ओर से शुरू किए गए डॉ. जाकिर हुसैन मदरसा आधुनिकीकरण योजना को अपना लक्ष्य साधने में कामयाबी नहीं मिल सकी है। अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को समाज के मुख्य धारा में लाना योजना का उद्देश्य था पर राज्य के मदरसो में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या ही अल्पसंख्यक विभाग के पास उपलब्ध नहीं थी।  विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार साल 2014-18 के बीच 1065 मदरसों को 36.42 करोड़ रुपए की निधि वितरित की गई है।

साल 2014-15 में 536 मदरसों को 17.39 करोड़ की निधि वितरित की गई जबकि साल 2017-18 में केवल 144 मदरसों को 5.20 करोड़ रुपए दिए गए। साल 2014-18 के बीच अमरावती, औरंगाबाद, बीड़ और जालना में मदरसों की संख्या में 89 प्रतिशत की कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार 73 प्रतिशत मदरसों ने किताब खरीदने और शिक्षकों के मानधन के लिए राशि लेने के लिए आवेदन ही नहीं किया। इसके बावजूद अल्पसंख्यक विभाग ने मदरसों द्वारा योजना का लाभ नहीं लेने के कारणों का पता लगाने के लिए कोई अध्ययन नहीं किया। साल 2014-16 के दौरान मदरसों को दिए जाने वाले अनुदान के गलत इस्तेमाल की शिकायत मिली थी। इसके बाद अक्टूबर 2016 में अल्पसंख्यक विभाग ने जिलाधिकारियों को एक महीने के भीतर जांच कर सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। लेकिन केवल औरंगाबाद और नागपुर जिले की रिपोर्ट सौंपी गई।

मई 2017 में रिपोर्ट सौंपने के लिए दोबारा निर्देश दिए गए। इस बाद भी सर्वेक्षण रिपोर्ट न मिलने पर अल्पसंख्यक विभाग की ओर से यह रिपोर्ट मांगने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। इससे पहले साल 2013 में अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को मुख्य धारा में लाने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य के अल्पसंख्यक विभाग ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ विज्ञान, गणित, समाजशास्त्र, हिंदी, मराठी, अंग्रेजी और उर्दू पढ़ाए जाने का लक्ष्य है। मदरसा में 6 से 18 वर्ष के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। 

वर्ष           मदरसों की संख्या      वितरित की गई राशि (करोड़ में)
2014-15         536                   17.39 
215-16           188                    6.91
2016-17          197                    6.92
2017-18          144                    5.20
कुल                1065                 36.42
 

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