नीमच: आर्या योजनान्तर्गत सात दिवसीय टमाटर एवं मिर्च की संरक्षित खेती पर प्रशिक्षण सम्पन्न

नीमच: आर्या योजनान्तर्गत सात दिवसीय टमाटर एवं मिर्च की संरक्षित खेती पर प्रशिक्षण सम्पन्न

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-22 09:28 GMT
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डिजिटल डेस्क, नीमच। नीमच कृषि विज्ञान केन्द्र, नीमच में 15 से 21 दिसम्बर 2020 तक आर्या योजनान्तर्गत ग्रामीण युवाओं, कृषकों हेतु टमाटर एवं मिर्च की संरक्षित खेती पर ग्रामीण युवको, कृषकों के लिए कृषि को लाभ का धंधा बनाने और टमाटर एवं मिर्च की संरक्षित खेती कर इससे भरपूर लाभ कमाने के उद्देश्य हेतु सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के नीमच, जावद, मनासा विकासखण्ड के 65 नवयुवकों, किसानों ने अपना पंजीयन कराया एवं प्रशिक्षण का लाभ लिया। कार्यक्रम में केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा.सी.पी. पचौरी ने कार्यक्रम उद्देश्य एवं महत्व की जानकारी देते हुए टमाटर एवं मिर्च की ग्रीन हाउस (पॉलीहाउस, टनलहाउस एवं शेडनेट हाउस आदि) में संरक्षित खेती करने एवं हाईटेक खेती में स्थान चयन, स्ट्रक्चर निर्माण, फसलों की उन्नत किस्में, कीट एवं व्याधि नियंत्रण, सिंचाई प्रणाली एवं पोस्ट हार्वेस्ट तकनीक के बारे में जानकारी दी। तकनीकी सत्र में केन्द्र के वैज्ञानिक डा.पी.एस. नरूका, वैज्ञानिक द्वारा समूह गठन एवं बाजार से लिंक व्यवस्था, उत्पादों की मार्केटिंग, डा.श्यामसिंह सारंगदेवोत ने टमाटर एवं मिर्च पर होने वाली विभिन्न बीमारियों एवं कीटों के प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी, डा. शिल्पी वर्मा, वैज्ञानिक द्वारा टमाटर एवं मिर्च आधारित प्रसंस्करण, डा.जे.पी. सिंह द्वारा मृदा परिक्षण एवं जैविक खेती अपनाना एवं केंचुआ पालन, खाद एवं उर्वरक व्यवस्था के बारे में तथा यूको बैंक प्रबंधक श्री प्रवीण इक्का द्वारा बैंक से प्राप्त सब्सीडियां एवं ऋण प्राप्त करना आदि विषयों पर व्याख्यान दिए गए। उद्यानीकी विभाग के श्री एन.एस. कुशवाह, उपसंचालक उद्यानीकी ने उद्यानीकी विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। प्रत्येक व्याख्यान के बाद पाठयक्रम पर आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी हुआ। कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र एवं संरक्षित टमाटर एवं मिर्च की खेती से संबंधित किट दिए गए। विभिन्न चरणों में केन्द्र पर स्थापित पॉली हाउस, नेट हाउस यूनिट, सब्जियों, औषधीयों एवं मसालों एवं सामान्य फसलों का फसल संग्रहालय, मिनीमल प्रोसेसिंग यूनिट, वर्मी यूनिट, किचन गार्डन, डेयरी, जैविक इकाई का भ्रमण कराया गया तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यायलय, ग्वालिय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा तैयार उपरोक्त तकनीकियों से संबंधित टमाटर, मिर्च की संरक्षित खेती, जैविक खेती, केचुआं पालन, माइक्रो इरिगेशन सिंचाई प्रणाली, पोस्ट हार्वेस्ट तकनीकी, प्रसंस्करण संबंधी सीडी, विडियों में दिखाए गए। कार्यक्रम के अंत में श्रीमति संयुक्ता पाण्डे द्वारा कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी विभागीय अधिकारियों, प्रशिक्षणार्थियों का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में श्री हरिसिंह, यशवन्त, हरिश एवं श्रीमति रेखा का विशेष सहयोग रहा।

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