सांस्कृतिक महोत्सव में 'पंचतत्व कलात्मक आविष्कार' से दिया प्रकृति का संदेश

सांस्कृतिक महोत्सव में 'पंचतत्व कलात्मक आविष्कार' से दिया प्रकृति का संदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-07 08:47 GMT
सांस्कृतिक महोत्सव में 'पंचतत्व कलात्मक आविष्कार' से दिया प्रकृति का संदेश

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। कालिदास सांस्कृतिक महोत्सव में  सप्तक की ओर से "पंचतत्व कलात्मक आविष्कार" प्रस्तुत किया गया, जिसकी संकल्पना रेणुका देशकर की थी। संगीत शैलेश दाणी, नृत्य निर्देशन स्वाति भालेराव और विशेष सहयोग मृणाल जामदार, डॉ संदीप शिरखेडकर तथा डॉ योगेश मुरकुटे का था। समन्वय सरकार का सितार वादन और शर्वरी जमेनीस का कथक नृत्य आयोजित किया  गया।

प्रकृति और शरीर पर पड़ता है असर
पंचतत्व कलाविष्कार में दर्शकों ने आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी का अनुभव लिया। दर्शकों को संदेश दिया गया कि पंचतत्व के असंतुलन से प्रकृति, मानव शरीर पर विपरीत परिणाम होता है। आज पर्यावरण असंतुलन और उसके परिणाम को भी नृत्य के माध्यम से दर्शाया गया, साथ ही नृत्यांगनाओं ने पंचतत्व कलाविष्कार से पर्यावरण संवर्धन का संदेश दिया। पंचतत्व कलाविष्कार की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम का आयोजन कविवर्य सुरेश भट सभागृह में किया गया। 

अमिताभ, शम्मी के गीतों से सजी शाम
अमिताभ बच्चन और शम्मी कपूर पर फिल्माए गए गीतों का कार्यक्रम अंशुल सिंगर्स हंट द्वारा लक्ष्मीनगर स्थित साइंटिफिक हॉल में आयोजित किया गया। संकल्पना हंट के संचालक अनंत पारधी की थी। अमित हरकरे ने मार्गदर्शन किया।  इस अवसर पर डॉ. उदय बोधनकर प्रमुख रूप से उपस्थित थे। संगीत संयोजन तुषार विध्ने व पवन मानवटकर का था। रेखा जोशी, स्‍वीटी जाधव, विनीता ढेंगे, केतकी पैठणकर, गायत्री खेडकर, लता राईरकर, अर्चना तारणेकर, मीनल कुलकर्णी, आरती किल्‍लेदार, क्षितिज श्रीवास्‍तव आदि ने गीतों की प्रस्तुति दी। संगीतमय संध्या का शुभारंभ "जिंदगी हंसने गाने के लिए है" गीत से की गई। उसके बाद एक से बढ़कर एक सदाबहार नगमों की प्रस्तुति दी गई। संचालन शुभांगी रायलू ने किया।

राज्य बालनाट्य स्पर्धा
17वीं महाराष्ट्र राज्य बालनाट्य स्पर्धा 2019-20 का आयोजन साइंटिफिक सभागृह में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन बाल रंगभूमि परिषद के अध्यक्ष मधुरा गडकरी, अखिल भारतीय मराठी नाट्य परिषद उपाध्यक्ष मिथुन मित्रा, अखिल भारतीय मराठी नाट्य परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद भुसारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर तीन नाटक "चांगलेच डोले उघडले", "चिह्न" और "झाड़वाली झुंबी" का मंचन किया गया। 
 

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