नीमच: राष्‍ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम जिले के 2.80 लाख बच्‍चों को खिलाई जायेगी कृमिनाशक टेबलेट कोई भी बच्‍चा वंचित ना रहे-जितेन्द्र सिंह राजे

नीमच: राष्‍ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम जिले के 2.80 लाख बच्‍चों को खिलाई जायेगी कृमिनाशक टेबलेट कोई भी बच्‍चा वंचित ना रहे-जितेन्द्र सिंह राजे

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-24 08:15 GMT
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डिजिटल डेस्क, नीमच। नीमच राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत जिले में लगभग 2.80 लाख बच्चों को 28 सितम्बर से 7 अक्टूबर 2020 तक आशा, आंगनवाडी स्वास्थ कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर कृषि मुक्ति के लिए अल्बेडाजोल टेबलेट खिलाई जायेगी। इसकार्यक्रम के तहत कोई भी लक्षित बच्चा कृमि नाशक गोली खिलाने से वंचित ना रहे औरप्रतिदिन की रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में प्राप्त की जाये। अभियान की सतत मॉनिटरिंगबी.एम.ओ. स्तर पर की जाये। यह निर्देश कलेक्टर श्री जितेन्द्र सिंह राजे ने बुधवार कोकलेक्टोरेट सभाकक्ष में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिएआयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक में दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.महेश मालवीय सिविल सर्जन डॉ.बी.एल.रावत,बी.एम.ओ. नीमच, जावद, मनासा व डॉ.जेपी जोशी व अन्य चिकित्सक उपस्थित थे। बैठकमें नोडल अधिकारी डॉ.जेपी जोशी ने बताया कि इस कार्यक्रम तहत आशा, आंगनवाड़ीकार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उनके द्वारा घर-घर बच्चों का सर्वेकर जानकारी संकलित कर ली गई है। अभियान के तहत आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,ए.एन.एम. की संयुक्त टीम घर-घर जाकर 0 से 19 वर्ष तक के बच्चों को अपने समक्ष उन्हेंअल्बेंडाजोल की टेबलेट खिलाएगी। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि स्वास्थ विभाग की टीम घर-घर जाए, तो कोविड के प्रोटोकाल का पालन करें। कन्टेनमेंट झोन में इस दवाई का वितरण नहीं किया जाना है।कलेक्टर ने स्वास्थ अमले को निर्देशित किया कि वे अभियान की प्रतिदिन की प्रगति कीरिर्पोट एप पर अपलोड करें और बीओएओ उसकी मॉनिटरिंग करे। समय सीमा में निर्धारितप्रारूप में रिर्पोटिंग की जाये। बैठक में डॉ.जेपी जोशी ने कृमि मुक्ति कार्यक्रम की विस्तृत रूप रेखा पर प्रकाश डाला और कृमि संक्रमण के लक्षण एवं दुष्प्रभाव, बचाव ईलाज और फायदे, कोविड के दौरान राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम की रूपरेखा, कोविड से सुरक्षा के उपाय, समुदाय स्तर पर डीवार्मिग कार्यान्वयन की रणनीति, दवाई वितरण योजना प्रतिकूल घटना का प्रबंधन, सामुदायिक जागरूकता आदि बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी।

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