बरसाती पानी को रोककर समाप्त किया जा सकता है मोहन्द्रा का जल संकट

मोहन्द्रा बरसाती पानी को रोककर समाप्त किया जा सकता है मोहन्द्रा का जल संकट

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-20 06:37 GMT
बरसाती पानी को रोककर समाप्त किया जा सकता है मोहन्द्रा का जल संकट

डिजिटल डेस्क, मोहन्द्रा । कस्बे के नालों से बरसात का मौसम प्रारंभ होते ही पानी बहने लगता है। जो करीब ०5 महीने तक अनवरत व्यर्थ ही बहता रहता है। पहाड़ों में तेज बारिश हुई तब यह नाले पूरे उफान पर रहते हैं। आज अतिक्रमण के कारण बस्ती के अंदर भले ही यह नाले सिकुड़ गए हो पर कभी यह नाले बारह मास स्थानीय नागरिकों की सिंचाई से लेकर पेयजल तक की जरूरतें पूरी किया करते थे। पुन्नहाई से सटे गणेश नाले में फैले कई किलोमीटर जंगल और इसकी पहाडियों का पानी यहां नाले के माध्यम से तिघरा की केन नदी में समा जाता है। स्थानीय लोग पूर्व में कई बार नाले के इसी पानी को संरक्षित करने की मांग कर चुके है। यहां पानी को संरक्षित करने कुछ एक छोटे-छोटे काम भी हुए उनके अपेक्षित नतीजे भी निकले हैं। हालांकि कई जगह का काम भ्रष्टाचार की भेंट भी चढ़ गया। जिसमें प्रमुख रुप से नाकंन घाट में बनाया गया स्टॉप डैम शामिल है। करीब ०2 साल पहले हाथी खूंटा में भी लगभग चौदह लाख रुपए खर्च कर एक स्टॉप डेम बनाया गया लेकिन स्टॉप डेम से सटे किसान अपनी जमीन में कटाव होने के कारण यहां पानी रुकने नहीं देते। यहां पानी की प्रचुरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहाड़ी के बहुत छोटे से हिस्से के पानी को रोककर बीती गर्मियों में पुष्कर योजना के तहत यहां एक तालाब बनाया गया था जो मामूली सी बारिश के बाद भी लबालब भर गया है। हर साल बरसात के समय कई बार बार यह नाले उफान पर आते हैं। यदि इस पानी को रोककर किसी पतली नहर के माध्यम से कुछ मीटर दूर स्थित तालाबों में डायवर्ट कर दिया जाए तो मोहन्द्रा की सिंचाई, पेयजल के साथ-साथ जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो जाएगी। 

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