मध्यान्ह भोजन में छिपकली - 18 बच्चे बीमार : सभी जिला अस्पताल में भर्ती
मध्यान्ह भोजन में छिपकली - 18 बच्चे बीमार : सभी जिला अस्पताल में भर्ती
डिजिटल डेस्क, सीधी। जिले के सिहावल विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत लौआर में संचालित शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक शाला बिछरी में बच्चों के लिए पकाए जाने वाले मध्यान्ह भोजन में छिपकली गिर गई । रसोइया इस बात सेे अनिभिज्ञ था और यही विषैला मध्यान्ह भोजन करने से डेढ़ दर्जन बच्चे बीमार हो गए। बीमार बच्चों को उपचार के लिए जिला अस्पताल मेें भर्ती कराया गया है। घटना दोपहर करीब 1.30 बजे की है, जबकि बीमार बच्चों को जिला अस्पताल शाम करीब 6 बजे पहुंचाया जा सका। घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक शाला बिछरी में अध्ययनरत बच्चों के लिए रोजाना की तरह बुधवार को शारदा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा उपलब्ध कराए गए खाद्यान्न से विद्यालय के रसोंइयों द्वारा मध्यान्ह भोजन के रूप में खिचड़ी पकाई जा रही थी, इसी दौरान खिचड़ी में छिपकली गिर गई और रसोंइया देख नहीं पाई। लिहाजा खिचड़ी विषैली हो गई और बच्चों को परोस दी गई, विषैली खिचड़ी खाते ही बच्चों को चक्कर आने लगा और कुछ बच्चे उल्टियां करने लगे। इसकी जानकारी मिलते ही स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को भोजन करने से मना करते हुए भोजन फिकवा दिया गया, साथ ही ग्रामीणों को जानकारी दी गई, जानकारी मिलते ही ग्रामीण बच्चों को उपचार सुविधा हेतु ले जाने की व्यवस्था में जुट गए।
इनको कराया गया भर्ती
स्कूल मे मीनू को दरकिनार कर खिचड़ा बनाया गया था, जिसके सेवन से डेढ दर्जन छात्र प्रभावित हुए। जिसमें अमित सिंह पिता बलदाउ सिंह 10 वर्ष, आंचल कोहार पिता हीरालाल कोहार 8 वर्ष, मयंक सिंह पिता अनिल सिंह 6 वर्ष, शांती पिता दादूलाल 7 वर्ष, आकाश सिंह पिता प्रकाश सिंह 6 वर्ष, शशी सिंह पिता जीवेंद्र सिंह 8 वर्ष, अंतिमा पिता मुन्ना 10 वर्ष, विनीता सिंह पिता लालू सिंह 8 वर्ष, आंचल पिता पप्पू 7 वर्ष, ईशा पिता बब्लू 10 वर्ष, रमेश कोल पिता जागबली कोल, आंचल सिंह पिता उमेश बरगाही 8 वर्ष, शिखा सिंह पिता अनिल सिंह 8 वर्ष, शालू सिंह पिता अनिल सिंह 10 वर्ष, बविता पिता करन 7 वर्ष, संजू कुशवाहा पिता लाले कुशवाहा 14 वर्ष सहित डेढ़ दर्जन बच्चे प्रभावित हुए।
इनका कहना
लौआर मे संचालित शासकीय स्कूल के बच्चे चिकित्सालय आए हैं, जो विषाक्त भोजन का सेवन कर लिए थे। सभी का उपचार जारी है, अब सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं।
डॉ. एसबी खरे सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय सीधी