चंदा कोचर और उनके पति को जमानत से जुड़ी औपचारिकताएं पूरा करने आखरी मौका
हाईकोर्ट चंदा कोचर और उनके पति को जमानत से जुड़ी औपचारिकताएं पूरा करने आखरी मौका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने वीडियोकॉन समूह को कर्ज आवंटन से जुड़ी कथित अनियमितता व धोखाधड़ी के मामले में आरोपी आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर व उनके पति दीपक कोचर को जमानत से जुड़ी औपचारिकता को पूरा करने के लिए आखरी मौका दिया है। कोर्ट ने जमानत से जुड़ी औपचारिकताएं पूरा करने के लिए 6 सप्ताह तक का समय दिया है। हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को 9 जनवरी 2023 को जमानत प्रदान की थी। किंतु दोनों आरोपियों ने अब तक जमानत से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी नहीं की है। इसलिए जमानत से जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा करने का लिए चंदा व उनके पति ने और समय दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। दोनों आरोपियों (चंदा व दीपक) ने जमानत की शर्तों के तहत अब तक जमानतदार (सुआरर्टी) नहीं दिया है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति पीके चव्हाण की खंडपीठ के सामने चंदा व उनके पति के आवेदन पर सुनवाई हुई। इसके बाद खंडपीठ ने दोनों आरोपियों को जमानत से जुड़ी औपचारिकताएं पूरा करने के लिए 6 सप्ताह तक समय दिया और उनके आवेदन को समाप्त कर दिया। सीबीआई ने दोनों आरोपियों को पिछले साल गिरफ्तार किया था। हालांकि हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी को अवैध मानते हुए उन्हे जमानत पर रिहा किया है। इसके साथ ही इस मामले में सीबीआई को कड़ी फटकार भी लगाई थी।
क्या है मामला
आरोप है कि कोचर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए साल 2012 में वीडियोकॉन समूह को 3250 करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज दे दिए जिसके बदले धूत ने चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनियों नुपावर रिन्यूवल, सुप्रीम एनर्जी में 64 करोड़ रुपए का निवेश किया। आरोप है कि फर्जी तरीके से कर्ज मंजूर करने के बदले यह रकम इस तरीके से घूस के तौर पर दी गई। वीडियोकॉन समूह लिया गया कर्ज वापस नही कर पाया और उसे एनपीए घोषित कर दिया गया। चंदा ने 2018 में आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ का पद छोड़ा था। 2019 में सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी।