नीयत व नीति: आषाढ़ में पुरैनी का तालाब हो रहा गहरीकरण

कटनी नीयत व नीति: आषाढ़ में पुरैनी का तालाब हो रहा गहरीकरण

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-08 06:57 GMT
नीयत व नीति: आषाढ़ में पुरैनी का तालाब हो रहा गहरीकरण

 डिजिटल डेस्क, कटनी। शहर के तालाबों के गहरीकरण के मामले में नगर निगम की नियत और नीति पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। पुरैनी तालाब इसका जीता-जागता उदाहरण है। तालाब गहरीकरण का कार्य तो बरसात के पहले ही करना होता है, लेकिन यहां पर जिम्मेदारों ने इस तालाब के दुर्दशा की सुध तब ली, जब मानसून सीजन चालू होने में चंद दिन बचे रहे। शुरुआत तो गर्मी के समय की, लेकिन जुलाई तक में कार्य पूरा नहीं हुआ है। गहरीकरण के नाम पर तालाब से जरुर गाद निकला जा चुका है। गाद तालाब के अंदर ही है। 
बारिश होते ही
बारिश का दौर चालू हो चुका है। ऐसे में तालाब से जो गाद निकाला गया है। वह फिर से पानी गिरने के साथ ही तालाब में समा जाएगा। महज 8-10 हाईवा गाद ही तालाब से बाहर किया गया है। काम बंद होने से फिजूल खर्ची की भी बाद नगर निगम के गलियारों में उठ रही है। लोगों का कहना है कि जल संरक्षण के लिए तालाबों का गहरीकरण जरूरी है। लेकिन नगर निगम भरी बरसात में इस कार्य को अंजाम देगा। इसकी उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी।
यहां पर नहीं दिया ध्यान
ट्रांसपोर्ट नगर मोड़ पर एक अन्य तालाब भी है। यह तालाब चारो तरफ से अतिक्रमणकारियों से घिरा हुआ है। कांग्रेस शासन काल में यहां पर राजस्व विभाग और नगर निगम के अधिकारी अतिक्रमण हटाने जरूर पहुंचे थे। इसके बावजूद अतिक्रमणकारियों को नहीं खदेड़ा जा सका। जिसका परिणाम है कि यह तालाब अब अंतिम सांसें गिन रहा है।
इनका कहना है
पुरैनी तालाब के गहरीकरण के संबंध अधिक जानकारी नहीं है। वाहन शाखा से जानकारी लेकर इस संबंध में और अधिक जानकारी दे जा सकती है। 
 

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