बिल पेमेंट का हिसाब नहीं देने के नाम पर हाथ खड़े कर रही बीमा कंपनी क्लेम देने से

बिल पेमेंट का हिसाब नहीं देने के नाम पर हाथ खड़े कर रही बीमा कंपनी क्लेम देने से

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-24 16:45 GMT
बिल पेमेंट का हिसाब नहीं देने के नाम पर हाथ खड़े कर रही बीमा कंपनी क्लेम देने से



डिजिटल डेस्क जबलपुर। बीमा कंपनी जब तक पॉलिसी धारक से संपर्क में रहती है, जब तक वह पॉलिसी रिन्यू न करा ले। रिन्यू होने के बाद बीमा कंपनी उन्हें भूल जाती है। अगर धोखे से पॉलिसी धारक का कोई बीमित सदस्य बीमार पड़ जाए और अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो बीमा कंपनी मुँह मोड़ लेती है। कैशलेस से इनकार करने के बाद जब बीमा क्लेम के लिए बिल सबमिट किए जाते हैं तो तरह-तरह के बिलों व दस्तावेजों की माँग की जाती है। सारे दस्तावेज जब बीमा कंपनी में उपलब्ध कराए जाते हैं तो क्वेरी निकालकर महीनों चक्कर लगवाए जाते हैं और उसके बाद अनेक खामियाँ निकालकर बीमित का क्लेम निरस्त करने का गोलमाल बीमा कंपनी कर रही है। पीडि़तों का आरोप है बीमा कंपनी के जिम्मेदार हमारे साथ धोखाकर कर रहे हैं और जिम्मेदार हमारी सुध नहीं ले रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ (मोनो लगाएँ टेलीफोन का)
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
केस.1
कोरोना पॉजिटिव होने के प्रमाण देने के बाद नो क्लेम कर दिया-
सिविल लाइन निवासी जाकीर अहमद ने अपनी शिकायत में बताया कि 4 अप्रैल 2021 को कोरोना से संक्रमित होने के कारण मोहनलाल हरगोविंद दास अस्पताल रानीताल में उन्हें भर्ती होना पड़ा था। पाँच दिनों तक चले इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी हो गई थी और उसके बाद घर पर इलाज चला। ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से कोरोना कवच पॉलिसी ली थी पर अस्पताल में कैशलेस नहीं होने पर पूरा भुगतान किया और अस्पताल से छुट्टी होने के बाद सारे बिल बीमा कंपनी में सबमिट किए थे पर अनेक क्वेरी बीमा कंपनी ने निकालीं और सारे दस्तावेज दे भी दिए पर बीमा कंपनी ने आज तक उन्हें क्लेम नहीं दिया। बीमा कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों ने कहा है कि आपके जो बिल हैं उनमें अनेक खामियँ हैं इसलिए हमारी कंपनी भुगतान नहीं कर सकती।
केस.2
पैसा जमा कराते समय नहीं दी जानकारी अब क्लेम में कर रहे कटौती-
जबलपुर निवासी अरविंद जैन ने अपनी शिकायत में बताया कि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से हमने पॉलिसी ली थी। पॉलिसी लेने के कुछ साल बाद हमने पॉलिसी की लिमिट बढ़ाने के लिए पैसे जमा किए थे। उस वक्त यह कहा गया था कि आवश्यकता पडऩे पर पूरा क्लेम दिया जाएगा। अचानक बेटा बीमार हो गया और उसके इलाज में उन्हें दो लाख से अधिक का खर्च आया। उन्होंने बीमा कंपनी में सारे दस्तावेज सबमिट किए तो बीमा कंपनी ने क्वेरी में वही दस्तावेज दोबारा माँगे। बीमा कंपनी की डिमांड पूरी कर दी तो कहा गया कि यह पॉलिसी एक साल बाद आपको पूरा बेनीफिट देगी। बीमा कंपनी ने मात्र 94 हजार देकर बीमा क्लेम की फाइल क्लोज कर दी। वे लगातार संपर्क करते रहे हैं पर बीमा कंपनी से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है।
मंडल क्रमांक एक और मंडल क्रमांक दो से सारी पॉलिसी होती है और वहीं से सारी जानकारी मिलेगी। हमारे यहाँ से किसी तरह की जानकारी उपलब्ध होना या फिर क्लेम देना संभव नहीं, यह बात कहते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी हाथ खड़े कर रहे हैं।

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