ऑपरेशन में नहीं मिला बीमा क्लेम, बीमित पहुँचा कंज्यूमर कोर्ट
पॉलिसीधारक ने कहा-हमारे साथ किया गया गोलमाल ऑपरेशन में नहीं मिला बीमा क्लेम, बीमित पहुँचा कंज्यूमर कोर्ट
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हमारी कंपनी पॉलिसी जनरेट होते ही सारे लाभ देना शुरू कर देती है। अस्पताल पहुँचने पर कैशलेस कार्ड दिखाते ही पूरा फ्री इलाज मिलता है। सातों दिन व हर समय किसी भी वक्त मेल करने पर इलाज कराने की कैशलेस की स्वीकृति भी बीमा कंपनी देती है। कई तरह के दावे-वादे बीमा कंपनी के द्वारा किए जाते हैं, पर जब पॉलिसीधारक को सही में जरूरत होती है तो उन्हें लाभ देने में बीमा कंपनी पीछे हट जाती है। अब तो यह स्थिति हो गई है कि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियाँ अपने पॉलिसीधारकों से प्रीमियम लेने के बाद भी किसी तरह की मदद करने में आगे नहीं आती हैं। यही कारण है कि बीमा कराने वाले आम लोग पॉलिसी होने के बाद भी कैशलेस इलाज नहीं करा पा रहे हैं, वहीं मेल करने पर जिम्मेदार अपने ही ग्राहकों के जवाब नहीं दे रहे हैं और पॉलिसीधारक दर-दर भटकने मजबूर हो चुके हैं। पॉलिसीधारक अब कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
दस्तावेजों में खामियाँ निकालकर भटकाया जा रहा था हमें-
छिंदवाड़ा निवासी राजू महोरे ने बताया कि चोला मंडलम जनरल इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया था। बीमा कराते वक्त जिम्मेदारों ने कहा था कि आपको हमारी कंपनी अस्पताल में इलाज के दौरान कैशलेस करेगी। बीमित ने अपनी शिकायत में बताया कि पत्नी सरिता महोरे का स्वास्थ्य खराब होने के कारण निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराना पड़ा था। इलाज के दौरान पॉलिसी क्रमांक 2876/00071679/015/00 का कैशलेस कार्ड दिया गया तो बीमा अधिकारियों ने कैशलेस करने से इनकार कर दिया। बीमित पत्नी के ऑपरेशन के बाद सारे बिल व रिपोर्ट बीमा कंपनी में सबमिट करते हुए क्लेम किया तो उसमें अनेक प्रकार की गलतियाँ निकालीं। बीमित ने दोबारा सत्यापित कराकर सारे दस्तावेज दिए तो चोला मंडलम बीमा कंपनी के द्वारा पूरा भुगतान करने का वादा किया गया, पर अचानक बीमा अधिकारियों ने नो क्लेम कर दिया। सारे दस्तावेज सही होने के बाद भी लगातार पॉलिसीधारक को भटकाते रहे। परेशान होकर बीमित को कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। पीड़ित का आरोप है कि बीमा अधिकारियों के द्वारा हमारे साथ गोलमाल किया गया है, वहीं बीमा कंपनी के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर फोन रिसीव नहीं हुआ।