अनिल देशमुख की याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआई से मांगा जवाब
अनिल देशमुख की याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआई से मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की याचिका पर सीबीआई को जवाब देने का निर्देश दिया है।देशमुख ने याचिका में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ 21 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले न्यायमूर्ति एस एस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के सामने राज्य सरकार की ओर से सीबीआई के खिलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई हुई। याचिका में राज्य सरकार ने देशमुख के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के कुछ हिस्से पर आपत्ति जताई हैऔर यह दावा किया है कि सीबीआई ने प्रदेश सरकार को आस्थिर करने के इरादे से यह एफआईआर दर्ज की है। याचिका में आग्रह किया गया है कि सीबीआई को राज्य के पुलिस विभाग के तबादले व तैनाती से जुड़े विषय की जांच करने से रोका जाए। याचिका में कहा गया है कि सीबीआई को बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के बहाली के पहलू की भी जांच करने से रोका जाए। क्योंकि यह हाईकोर्ट के आदेश का हिस्सा नहीं है।
अधिवक्ता पाटिल को दी हस्तक्षेप करने की अनुमति
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता जयश्री पाटिल ने राज्य सरकार की इस याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य सरकार की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। सरकार का इस मामले में याचिका दायर करने का हक नहीं है। इस पर खंडपीठ ने पाटिल को इस मामले में हस्तक्षेप आवेदन दायर करने की अनुमति प्रदान की। जबकि राज्य सरकार को पाटिल के आवेदन पर जवाब देने को कहा। पाटिल की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया था।
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी राज्य सरकार की याचिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार से अगली सुनवाई तक आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की ओर से की गई शिकायत के आधार पर राज्य सरकार को भेजे गए पत्र पर कार्रवाई नहीं करेंगे। खंडपीठ ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद दोनों याचिकाओ पर सुनवाई 18 जून 2021 तक के लिए स्थगित कर दी।