बारिश का परिवहन पर असर, नदी- नाले उफान पर रहने से रद्द हो रही एसटी की बसें
बारिश का परिवहन पर असर, नदी- नाले उफान पर रहने से रद्द हो रही एसटी की बसें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। सीधा असर परिवहन व्यवस्था पर पड़ रहा है। जहां एक ओर रेलगाड़ियां बीच रास्ते से वापस आ रही हैं, वहीं राज्य मार्ग परिवहन महामंडल की बसें नदी-नालों को पार नहीं कर पा रही हैं। नागपुर विभाग की बसों का प्रति दिन 16 सौ किमी का सफर रद्द किया जा रहा है। जिससे एक ओर यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मंडल का राजस्व भी कम हो रहा है।
580 बसें चलती हैं विभाग में
नागपुर विभाग अंतर्गत रोजाना 580 बसें चलती हैं। केवल नागपुर के गणेशपेठ की बात करें तो रोजाना यहां विभिन्न विभाग से आनेवाली करीब एक हजार बसें अलग-अलग दिशा में 40 हजार से ज्यादा यात्रियों को लेकर चलती हैं। यह बसें एक शहर से दूसरे शहर या गांव तक जाते वक्त कई नदी-नालों को पार करती हैं। बारिश के चलते उक्त नदी-नाले उफान पर हैं। नागपुर से मोर्शी, रीदोरा, अंबोरा, उमरेड, काटोल आदि जगहों पर जानेवाली बसों को रास्ते में नदी-नाले से होकर गुजरना पड़ता है। इन दिनों यह उफान पर होने से कई बार बसों को पानी कम होने तक रोका जाता है। परिणामस्वरूप पीछे से चलनेवाली गाड़ियों को नहीं छोड़ा जाता है। इससे प्रति दिन 1 हजार 6 सौ किमी का सफर रद्द किया जा रहा है।
नागपुर विभाग अंतर्गत उमरेड-हिंगणघाट के बीच महालगांव, देवडी-भिवापुर मार्ग पर मांडवा, नागपुर-उमरेड के बीच आमनदी (डब्ल्यूसीएल), उमरेड-तारणा के बीच देनी, नागपुर-रामटेक मार्ग पर हिवरबाजार के पास, रामटेक-भंडारा मार्ग पर तारसा, रामटेक-लोधा की बसें लोधा के पास नदी-नाले उफान पर आने से आए दिन ठिठक रही हैं।
गत वर्ष की तुलना में बड़ा आंकड़ा
गत वर्ष की तुलना इस बार ज्यादा बसों का सफर रद्द किया जा रहा है। वर्ष 2018 में अगस्त माह में आई बारिश के कारण प्रति दिन एक हजार किमी का सफर रद्द किया गया था। इस बार 6 सौ किमी का सफर अधिक रद्द किया गया है।
बे-वजह बसें चलाने पर कार्रवाई
बे-वजह बसें चलानेवाले अधिकारियों पर अब कार्रवाई होगी। इस संबंध में मुख्यालय से हाल ही में सभी विभाग कार्यालय पत्र मिले हैं, जिसमें इसके संकेत दिए गए हैं।