विदर्भ में फिर हो सकती है तेज बारिश, चक्रवाती तूफान मंडराने के संकेत

विदर्भ में फिर हो सकती है तेज बारिश, चक्रवाती तूफान मंडराने के संकेत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-01 06:32 GMT
विदर्भ में फिर हो सकती है तेज बारिश, चक्रवाती तूफान मंडराने के संकेत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शुक्रवार शाम कामठी रोड इलाके में लगभग 20 मिनट तक जोरदार बारिश हुई। अचानक बारिश आते ही लोग दुकानों के शेड के नीचे आ कर खड़े हो गए।उपराजधानी में कही बेमौसमी बारिश थी तो कहीं पानी ना नामो निशान नहीं था। विदर्भ में फिर हवा के साथ बारिश होने की चेतावनी मौसम विभाग ने दिए हैं।  अरब सागर में बन रहे एक और चक्रवाती तूफान के कारण मौसम में उथल-पुथल हो रही है। इसका असर विदर्भ के कई जिलों में हो सकता है। विदर्भ के यवतमाल, चंद्रपुर, वाशिम जिले में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ तूफान आ सकता है। हालांकि नागपुर जिले को इससे दूर रखा गया है। जिले में आसमान में बादल छाए रहेंगे। एक-दो जगह हल्की बारिश हो सकती है। गुरुवार को नागपुर का अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री व न्यूनतम तापमान 21.3 डिग्री सेल्सियस रहा। 

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर में एक और चक्रवाती तूफान बन रहा है। यह अभी अवदाब यानी डिप्रेशन की स्थिति में है। 48 घंटे बाद यह साइक्लोन में बदल जाएगा। इसके बाद यदि इसका मूवमेंट महाराष्ट्र की तरफ हुआ, तो 3 नवंबर के बाद विदर्भ में  बादल छाने के साथ बारिश हो सकती है। तापमान में एक डिग्री की वृद्धि हो सकती है। शुक्रवार को नागपुर का अधिकतम तापमान 34 डिग्री तक व न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है। 

1. अरब सागर में तापमान ज्यादा
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अरब सागर में तापमान ज्यादा है एवं विंड शेयरिंग कम है। इसका मतलब यह है कि निचले स्तर से लेकर ऊपरी स्तर तक हवा की रफ्तार में बदलाव कम हो रहा है। इसे ही विंड शेयरिंग कहते हैं। इसके कारण हवा में नमी ज्यादा मिल रही है। कम ऊंचाई से अधिक ऊंचाई तक हवा में नमी का मिश्रण हो रहा है। यही स्थिति साइक्लोन बनने में सहायक होती है।

2. आईओडी पॉजिटिव है 
जब अरब सागर का तापमान ज्यादा हो, तो इंडियन ओशिन डाइपोल यानी भारतीय समुद्रीय द्विध्रुवीय (आईओडी) पॉजिटिव होता है। ऐसी स्थिति में वहां ज्यादा चक्रवाती तूफान बनते हैं। इन दिनों ऐसा ही हो रहा है। 

उल्लेखनीय है कि इस बार देर से आए मानसून ने देर तक उपस्थिति बनाए रखी। मानसून की विदाई का समय होने के बावजूद दिवाली में जनकर बारिश हुई जिससे फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।

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