कई बार चक्कर लगाने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई

मौत के बाद भी कट गई एकाउंट से बीमा राशि कई बार चक्कर लगाने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-09 11:29 GMT
कई बार चक्कर लगाने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। विपरीत परिस्थितियों में बीमा पॉलिसी काम आएगी इस उद्देश्य के साथ आम आदमी अपना हेल्थ इंश्योरेंस कराता है, पर जरूरत के समय हेल्थ बीमा कंपनियाँ अपने हाथ खड़े कर रही हैं। अस्पताल में भर्ती होने पर कैशलेस नहीं किया जाता है और जब बीमित की मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी को क्लेम नहीं दिया जाता है। ऐसे एक नहीं बल्कि सैकड़ों पीड़ित आ रहे हैं और इंश्योरेंस कंपनी की कर गुजारी की परत खोल रहे हैं। बीमित की अगर मौत होती है तो पॉलिसी की रकम परिवार के उस सदस्य को दी जाती है जो नॉमिनी होता है। उसे पूरा भुगतान नियमानुसार बीमा कंपनी को करना है, पर किसी न किसी तरह की गलतियाँ व मौत के कारणों को गलत ठहराते हुए भुगतान करने से बीमा कंपनी इनकार करने में जुटी हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

पीएम ज्योति बीमा का क्लेम नहीं मिला नॉमिनी को-

बालाघाट के ग्राम कोडवी निवासी हरिचंद्र रामटेके की अचानक तबियत खराब हो गई थी। उपचार के दौरान फरवरी 2021 में उनकी मौत हो गई। परिजनों ने सर्च किया तो खुलासा हुआ कि उनका बीमा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत है। यह राशि उनके बैंक खाता क्रमांक 2962978227 से लगातार कटती आ रही थी। विकलांग होने पर या फिर मौत होने पर पूरा लाभ दिए जाने का वादा किया गया था। सेन्ट्रल बैंक के माध्यम से कट रही राशि के बारे में पता किया गया तो बैंक मैनेजर के द्वारा बीमा का लाभ दिलाने का वादा तो किया गया, पर एक साल बीत जाने के बाद भी बीमा का लाभ नहीं दिलाया। कई पत्र नॉमिनी (पत्नी) कविता रामटेके लिख चुकी हैं और बैंक के चक्कर भी काट रही हैं पर बैंक अधिकारियों के द्वारा किसी भी तरह का सहयोग नहीं दिया गया। वहीं बैंक अधिकारियों का कहना है एलआईसी के माध्यम से उक्त पॉलिसी कराई गई है और एलआईसी के जिम्मेदार अधिकारी को पत्र लिखा गया है और जल्द ही क्लेम दिलाने का प्रयास किया जाएगा। वहीं मृत्यु के बाद भी बीमा का प्रीमियम काटे जाने के संबंध में बैंक अधिकारियों ने चुप्पी साध ली थी। वहीं बीमा अधिकारियों का कहना है कि परीक्षण कराकर जल्द ही नियमानुसार क्लेम दिया जाएगा।
 

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