पेट दर्द के इलाज का क्लेम एचडीएफसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने करने से किया इनकार

बीमित का आरोप: हमारे साथ बीमा अधिकारी कर रहे गोलमाल पेट दर्द के इलाज का क्लेम एचडीएफसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने करने से किया इनकार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-25 11:21 GMT
पेट दर्द के इलाज का क्लेम एचडीएफसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने करने से किया इनकार

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियाँ तब तक पॉलिसी धारक से संपर्क में रहती हैं, जब तक वह पॉलिसी रिन्यु न करा ले। रिन्यु होने के बाद बीमा कंपनियाँ उन्हें भूल जाती हैं। अगर धोखे से पॉलिसी धारक का कोई बीमित सदस्य बीमार पड़ जाए और अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो बीमा कंपनी मुँह मोड लेती है। कैशलेस से इनकार करने के बाद जब बीमा कंपनी में बिल सबमिट किए जाते हैं तो तरह-तरह के बिलों व दस्तावेजों की माँग की जाती है। सारे दस्तावेज जब बीमा कंपनी में उपलब्ध कराए जाते हैं उसमें क्वेरी निकालकर महीनों चक्कर लगवाए जाते हैं और उसके बाद अनेक खामियाँ निकालकर बीमित का क्लेम निरस्त करने का गोलमाल बीमा कंपनी के द्वारा किया जाता है। पीड़ितों का आरोप है बीमा कंपनी के जिम्मेदार हमारे साथ धोखा कर रहे हैं और जिम्मेदार हमारी सुध नहीं ले रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

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अस्पताल में कैशलेस से भी इनकार कर दिया था बीमा कंपनी ने

मप्र के सतना शेरगंज महादेवा निवासी भरत निगम ने अपनी शिकायत में बताया कि एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ पॉलिसी कराई थी। पॉलिसी क्रमांक 170400/11175/एएच 00013088 का कैशलेस कार्ड भी मिला था। बीमा कंपनी के अधिकारियों ने कहा था कि हमारी कंपनी 24 घंटे सेवाएँ देती है। आपको अस्पताल में कैशलेस इलाज की सुविधा भी मिलेगी। पॉलिसी धारक बीमा अधिकारियों के कहने पर पॉलिसी भी रिन्यु कराते हुए आ रहा था। मार्च 2023 में अचानक बीमित बीमार हो गया और परिजनों ने सतना के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहाँ पर इलाज के दौरान बीमा कंपनी को कैशलेस के लिए मेल किया गया तो बीमा अधिकारियों ने कहा कि आप अपना इलाज कराने के बाद सारे बिल व रिपोर्ट बीमा कंपनी में जमा करेंगे तो हमारी कंपनी पूरा भुगतान करेगी। यह आश्वासन बीमा कंपनी से मिलने के बाद पॉलिसी धारक ने पूरा इलाज अपने खर्च पर कराया और इलाज के बाद सारे बिल व रिपोर्ट बीमा कंपनी में सबमिट की तो बीमा अधिकारियों ने अनेक प्रकार की खामियाँ निकालने के बाद क्लेम डिपार्टमेंट के जिम्मेदारों के द्वारा यह कह दिया गया कि आपको इलाज कराने की जरूरत ही नहीं थी। बीमित का आरोप है कि बीमा कंपनी के द्वारा दिए गए उक्त बातों से यह साफ है कि जिम्मेदार गोलमाल कर आम लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं।
 

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