हाफिज शम्स पेश कर रहे हैं दरियादिली की मिसाल
भदोही हाफिज शम्स पेश कर रहे हैं दरियादिली की मिसाल
डिजिटल डेस्क, भदोही। मुकद्दस माह-ए-रमजान के 15वीं शब रविवार को नगर के काजीपुर बगीचा में स्थित मोहम्मदी मस्जिद मेंतरावीह मुकम्मल हुई। तरावीह मुकम्मल होने के बाद मुक्तदियों ने हाफिज शम्स को फूल मालाओं से लादकर इस्तकबाल किया और मुबारकबाद दी गई। मस्जिद के जिम्मेदारान ने उनको नजराना दिया तो उन्होंने उसे न लेकर बल्कि मस्जिद के मुतवल्ली को उसमें कुछ और रुपए बढ़ाकर दे दिया।
असल में तरावीह मुकम्मल होने के बाद सभी मस्जिदों में तरावीह मुकम्मल कराने वाले हाफिजों को नजराना दिए जाते हैं। मोहम्मदी मस्जिद में भी जब तरावीह मुकम्मल हुई तो मस्जिद के जिम्मेदारानो ने हाफिज शम्स को नजराना के तौर पर 36 हजार रुपया नगद दिया। उन्होंने उस रुपए में 51 रुपया और मिला कर मस्जिद के मुतवल्ली हाफिज परवेज अहमद को बगैर किसी झिझक के दे दिया। कुछ लोगों ने ऐसा पहली बार होता देखा। जबकि लोगों ने कहा कि हाफिज शम्स लगभग 10 वर्षों से ऐसा करते चले आ रहे हैं। उनको तरावीह मुकम्मल होने के बाद नजराना के तौर पर जो भी मिलता है। उसमें कुछ और रुपए मिलाकर मस्जिद के मुतवल्ली हाफिज परवेज अहमद को दे देते हैं। जिसको भी यह मालूम हो रहा है। वह हाफिज शम्स के दरियादिली का तारीफ करते नहीं थक रहा। हालांकि वे किसी पैसे वाले घर के नहीं बल्कि एक गरीब घर से है। जो कालीन के डिजाइनर है और मजदूरी कर अपने घर का खर्च चलाते हैं।
इस मौके पर हाजी इलियास अहमद मौलाना शमसुद्दीन, परवेज आलम,
मोहर्रम अली डिजाइनर, मो.आरिफ, अबू तलहा, एकबाल अहमद आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।