42 वें इंडिया कार्पेट एक्सपो का हुआ भव्य उद्घाटन
भदोही 42 वें इंडिया कार्पेट एक्सपो का हुआ भव्य उद्घाटन
डिजिटल डेस्क, भदोही। दो साल बाद दिल्ली के ओखला में गुरुवार को कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) द्वारा आयोजित चार दिवसीय 42 वां इंडिया कार्पेट एक्सपो का उद्घाटन देर शाम केंद्रीय वस्त्र सचिव यूपी सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन व फीता काट कर किया। मेले का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने प्रदर्शित किए जा रहे कालीनों का अवलोकन किया और निर्यातकों को बधाई दी। मेले में काफी संख्या में युवा कालीन निर्यातकों द्वारा स्टाल को लगाया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय वस्त्र सचिव यूपी सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण देश से आयात और निर्यात दोनों ही प्रभावित हुआ। इसकी वजह से दो साल तक कालीन की प्रदर्शनी नहीं लगाएं जा सके। स्थिति सामान्य होने के बाद भारतीय कालीन मेले का आयोजन हो रहा है। जो अपने आप में एक सुखद का एहसास करा रहा। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में देश का निर्यात काफी बढ़ा है। निर्यात ने एक नया रिकार्ड कायम किया। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सबको बधाई दी है। देश से निर्यात को बढ़ाने में कालीन उद्योग का भी व्यापक सहयोग है।
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष उमर हमीद ने कहा कि दो साल बाद आयोजित हो रहा कालीन मेला काफी सफल रहेगा। इंडिया कार्पेट एक्सपो में
50 देशों के कालीन आयातक हिस्सा ले रहे हैं। इसके साथ ही साथ कालीन आयातकों के भारतीय प्रतिनिधि भी मेले में प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 200 कालीन निर्यातकों ने अपना स्टाल मेले में लगाया है। जो उसके माध्यम से अपने यहां बनवाएं गए आकर्षक किस्म के कालीनों को प्रदर्शित कर रहे हैं। इसके साथ ही विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) शांतमनु ने भी अपनी बातों को रखा।
इस मौके पर सीईपीसी के प्रशासनिक समिति के सदस्य मो. वासिफ अंसारी, महावीर प्रताप राजा शर्मा, दर्पण बरनवाल, इम्तियाज अहमद, असलम महबूब, शेख आशिक, रोहित गुप्ता आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
मेले के पहले दिन मिला आयातकों को नए डिजाइनों के कालीन
भारतीय कालीन मेले के पहले दिन काफी संख्या में आयातकों ने भाग लिया। जहां पर उनको तमाम प्रकार के नए-नए डिजाइनों के कार्पेट व दरी देखने को मिला। जिसे निर्यातकों द्वारा खासकर मेले में प्रर्दशित करने के लिए बनवाया गया है। मेले में पुराने कालीन कंपनियों सहित नए कालीन निर्यातकों द्वारा भी अपना स्टाल लगाया गया है। पुराने कालीन कंपनियों के स्टालों पर आयातकों की भीड़ देखी गई। वहां पर पहुंचकर उन्होंने कालीनों को देखा और पूछताछ की। हालांकि उतनी भीड नए कालीन कंपनियों के स्टालों पर देखने को नहीं मिला। शायद बाजार के अनुरूप उनके द्वारा कालीन व दरी आदि के सैंपल नहीं बनवाएं गए हैं। हालांकि शुक्रवार को मेले का पहला दिन रहा। अभी तीन दिन और बाकी है। देखना यह है कि मेले में कितने का व्यापार होता है। वैसे इस कालीन मेले से सभी निर्यातकों को काफी उम्मीदें हैं।