पत्नियों के दस्तावेज जमा करवाने, पतियों के छूट रहे पसीने

ग्रापं चुनाव पत्नियों के दस्तावेज जमा करवाने, पतियों के छूट रहे पसीने

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-30 14:16 GMT
पत्नियों के दस्तावेज जमा करवाने, पतियों के छूट रहे पसीने

डिजिटल डेस्क, वर्धा. जिले में ग्राम पंचायत के आम चुनाव की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़नेवालों की जाति वैधता के प्रमाणपत्र जुटाने में मशक्कत हो रही है। 28 नवंबर से नामांकन स्वीकारने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। जिले की 113 ग्राम पंचायतों में से 61 ग्राम पंचायत के सरपंच पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। उसमें से 36 सरपंच पद जाति निहाय प्रवर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं। महिला आरक्षण के कारण अपने सपनों पर पानी फिरता देख अनेक लोग अपनी पत्नियों को मैदान में उतारने जा रहे हैं। इसके लिए कागजात इकट्ठा करने में पति महोदय के पसीने छूटने लगे हैं। राज्य चुनाव आयोग ने जिले के अक्टूबर से दिसंबर महीने के दरम्यान समय समाप्त होनेवाली ग्राम पंचायत के चुनाव की घोषणा की है। इसके अनुसार 18 दिसंबर को मतदान हो रहा है। ग्राम पंचायत चुनाव के लिए ऑन लाइन आवेदन स्वीकारने की बात कही गई थी। इस कारण चुनाव लड़ने के इच्छुकों की हलचलें तेज हो गई थी। सरपंच पद के लिए आरक्षण रद्द किया गया है, लेकिन महिलाओं के लिए 50 फीसदी प्रवर्ग निहाय आरक्षण घोषित किए गए हैं। इसके अनुसार 113 में से 61 ग्राम पंचायतों में सीधे जनता से महिला सरपंच का चयन किया जाएगा। इनमें से 36 महिला सरपंच के पद जाति प्रवर्ग के अनुसार आरक्षित किए गए  

तथा 25 महिलाएं सर्वसाधारण प्रवर्ग से चुनकर आएंगी। इसकारण कई इच्छुकों के सरपंच बनने के सपने पर पानी फिर गया है। 2 दिसंबर नामांकन दर्ज करने की अंतिम तारीख हैं। सरपंच व सदस्य के लिए नामांकन भरते समय सभी दस्तावेज होना आवश्यक है। इस कारण आरक्षित सीटों से चुनाव लड़नेवालों को भागदौड़ करनी पड़ रही है। वहीं आरक्षित 36 सीट से सरपंच पद का चुनाव लड़नेवाली महिलाओं के कागजात इकठ्‌ठा करने पति महोदय की भागदौड़ बढ़ गई है।  सरपंच बनने के कई इच्छुकों के मनसूबों पर आरक्षण ने पानी फेर दिया है।  इस कारण उन्होंने  अपनी सौभाग्यवति को मैदान में उतारने का मन बनाया है। लेकिन अब उन्हें कागजात जमा करने में अच्छी खासी कसरत करनी पड़ रही है।

सरपंच पद के प्रत्याशी का सातवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक

सरपंच पद पर नियुक्त होनेवाले व्यक्ति निरंतर पांच वर्ष गांव का कामकाज संभालनेवाले हैं। इस कारण सरपंच के साथ ही सदस्यों को लिखना पढ़ना आना अपेक्षित है। सरपंच पद के लिए सातवीं पास होने की शैक्षणिक पात्रता आवश्यक कर दी गई है। यह नियम 1 जनवरी 1995 के बाद जन्मे प्रत्याशियों के लिए आवश्यक है।  इसके पूर्व जन्मे प्रत्याशियों को सातवीं उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं है।

दूसरे दिन आए 49 नामांकन

नामांकन दर्ज करने के पहले दिन सरपंच पद के लिए कारंजा तहसील के बोरगांव (गोंडी) गांव से सरपंच पद के लिए केवल एक नामांकन दर्ज किया गया था। जबकि सदस्य के लिए एक भी आवेदन दर्ज नहीं किया गया था। 29 नवंबर को वर्धा तहसील में  सरपंच के लिए 4 व सदस्यों के लिए 12, देवली में सरपंच के लिए 4 व सदस्य हेतु 7, आर्वी में सरपंच हेतु 6 व सदस्य के लिए 16, कारंजा में सरपंच हेतु 1 व सदस्य हेतु 6, हिंगणघाट तहसील में सरपंच हेतु 2 व सदस्य हेतु 8 नामांकन दर्ज किए गए थे।  इस कारण जिले की आठ तहसील में सरपंच हेतु कुल नामांकनों की संख्या 18 व सदस्यों हेतु कुल नामांकनों की संख्या 49 से हो गई है।

सर्वर डाउन होने से भी बढ़ी समस्या

कई जगहों पर सरपंच पद महिला के लिए आरक्षित हैं। इस कारण "पतिदेव" अपनी "पत्नियों" को मैदान में उतारना चाह रहे हैं। उनका जाति का प्रमाणपत्र, जाति वैद्यता सत्यापन समिति का जाति वैधता प्रमाणपत्र के साथ ही सातवीं उत्तीर्ण होने की मार्कलिस्ट व स्कूल का दाखिला इकट्‌ठा करने में पति महोदय को भागदौड़ करनी पड़ रही है। कुछ स्थानों पर सर्वर डाउन होने से प्रमाणपत्र हासिल होने में दिक्कत हो रही है।

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