गोवर से सुरक्षित रहने टीका लगवाए, जिले में एमआर-1 और एमआर 52 के लगे टीके
वर्धा गोवर से सुरक्षित रहने टीका लगवाए, जिले में एमआर-1 और एमआर 52 के लगे टीके
डिजिटल डेस्क, वर्धा. देश में कोरोना और मंकीपॉक्स संक्रमण के बाद गोवर बीमारी तेजी से बढ़ रही हंै। गोवर बीमारी के संक्रमण से बचाव व इसके रोकथाम केे लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न उपाययोजनाएं की जा रही है। राज्य के मुंबई, भिवंडी और मालेगांव में गोवर बीमारी के संक्रमण के रोज नए-नए मामले सामने आ रहे है। इसको ध्यान में रखते हुए वर्धा जिले में 1 जनवरी से लेकर 1 अक्टूबर तक 298 सैंपल निजी और सरकारी अस्पताल से नागपुर के लैब में भेजे गये था। जिसमें से गोवर के 7 संक्रमित पाए गए थे। जिनका इलाज किया गया और वे अब स्वस्थ है। इसके पश्चात जिले में अभी तक एक भी गोवर से संक्रमित नहीं पाया गया है। बावजूद इसके दूसरे जिले में खसरे से बढ़ रहे मरीजों को देखते हुए जिला स्वास्थ विभाग अलर्ट मोड़ पर है। जिले से अनेक लोगों का मुंबई जैसे क्षेत्रों में जाना-आना लगा रहता है। जिसके कारण गोवर बीमारी का संक्रमण बढ़ने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे में गोवर बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए बच्चों का टीकाकरण करने का आह्वान स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में एमआर 1 के 97 प्रतिशत बच्चों का व एमआर 2 के 84 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हुआ है। जिसके चलते एमआर 2 के बच्चों का टीकाकरण जरूरी है। यहां बता दें कि, गोवर एक गंभीर वायरल बीमारी मानी जाती है। यह बीमारी बच्चों में सबसे ज्यादा होती है।
गोवर होने पर मरीज को बुखार, स्कीन रैशेज, गले में खराश और खांसी जैसी परेशानी शुरू हो जाती है। देश में कोरोना और मंकीपॉक्स संक्रमण के बाद गोवर बीमारी तेजी से बढ़ रही है। खसरे से संक्रमित व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है। इस बीमारी से सिर और आसपास की स्कीन पर लाल रंग के दानें और चकते दिखाई देना शुरू होते ह। फिर धीरे-धीरे यह दाग पूरे शरीर में फैलने लगते है। ज्यादातर इस बीमारी से खतरा बच्चों पर ज्यादा है। इसके रोकथाम के लिए जिले में एमआर 2 के बच्चों की तैयार की गई सूची को मंगाकर उनका टीका बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।