महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस, डॉक्टर व वकीलों को प्रशिक्षित करेगी सरकार
महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस, डॉक्टर व वकीलों को प्रशिक्षित करेगी सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महिलाओं और बच्चों के लिए महानगर को और सुरक्षित बनाने की कोशिश के तहत पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों और वकीलों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। केंद्र सरकार के निर्भया योजना के तहत सुरक्षित शहर नाम की यह मुहिम शुरू की गई है। इसके तहत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ ऐसे मामलों से निपटने वालों का कौशल बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। निर्भया योजना के तहत 25 हजार पुलिसकर्मियों, 4200 डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ और 200 सरकारी वकीलों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका पहला चरण मंगलवार से मुंबई में शुरू हुआ।
एक दिवसीय कार्यशाला में कुछ लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान गृहविभाग के प्रमुख सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता, मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संतोष रस्तोगी भी मौजूद थे। केंद्र सरकार की इस योजना के तहत मुंबई समेत देश के आठ शहरों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर लगाम लगाने की कोशिश हो रही है। केंद्रीय गृहमंत्रालय के महिला सुरक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई इस मुहिम को सफल बनाने के लिए गैरसरकारी संस्थाओं, शिक्षा संस्थाओं और देशभर में फैली सलाहकार संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है। तीन साल तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल, ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाने, ऐसे अपराधों से निपटने वालों को प्रशिक्षित करने साथ ही लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है।
मुख्याध्यापकों को किया जागरूक
मुंबई महानगर पालिका के स्कूलों में कार्यरत मुख्याध्यापकों को ऐसे मामलों से निपटने के लिए मुंबई पुलिस ने एक विशेष अभियान शुरू किया है। बुधवार को आजाद मैदान के प्रेरणा हॉल में बीएमसी स्कूलों के मुख्याध्यापकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुंबई पुलिस के महिला अत्याचार विरोधी कक्ष द्वारा आगामी 13 और 19 अगस्त को भी बचे हुए स्कूलों के मुख्याध्यापकों को विद्यार्थियों के यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर जानकारी दी जाएगी।