शासकीय उचित मूल्य दुकानदारों ने ई-पास मशीन लौटाकर सौंपा ज्ञापन
मालेगांव शासकीय उचित मूल्य दुकानदारों ने ई-पास मशीन लौटाकर सौंपा ज्ञापन
डिजिटल डेस्क, मालेगांव। कुछ वर्षो से अनाज वितरण प्रणाली में राज्य शासन द्वारा ई-पास मशीन का उपयोग अनिवार्य किया गया है, लेकिन अब ई-पास मशिनें ही दुकानदाराें समेत उपभोक्ताओं के लिए सरदर्द साबित होने से शुक्रवार 1 अप्रैल को दुकानदाराें की ओर से स्थानीय तहसील कार्याल में यह मशीनें जमा करते हुए एक ज्ञापन भी उचित मूल्य दुकानदार संगठन की ओर से सौंपा गया । उचित मूल्य दुकानदार संगठन के सचिव वसंतराव लव्हाले तथा अध्यक्ष प्रकाश कोठारी ने राज्य शासन की ओर से शासकीय उचित मूल्य दुकानदाराें की बड़े पैमाने पर रोकटोक होने का आरोप लगाते हुए बताया की कोविड-19 प्रादुर्भाव की समयावधि में शासकीय उचित मूल्य दुकानदाराें ने अपनी भूमिका उचित ढंग से निभाई । अपना कर्तव्य पुरा करते समय उन पर प्रादुर्भाव की मार भी पड़ी और लगभग 100 से अधिक लाइसेनधारकों की कोरोना से मृत्यु हुई, लेकिन शासन ने अन्य शासकीय विभाग के कर्मचारियों को जिस प्रकार आर्थिक दिलासा दिया, उस दृष्टि से लायसनधारकों की कोई पुछपरख अथवा जांच भी किसी अधिकारी या मंत्री ने नहीं की। ई-पास मशीन में महिने के भीतर सम्बंधित विभाग की ओर से डेटा फीड नहीं किया जाता, जिससे अनाज होते हुए भी उपभोक्ताओं को वितरण करना इन मशिनों के कारण संभव नहीं हो पाता । यह मशीने एक कम्पनी को करोड़ो का ठेका देकर किराए पर ली गई।
ई-पास मशीन का प्रश्न न सुलझाने पर तहसील के उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा अपनी मशीनें तहसील कार्यालय में जमा किए जाने को लेकर एक ज्ञापन तहसीलदार रवि काले को सौंपा गया । ज्ञापन पर संगठन अध्यक्ष कोठारी, सचिव लव्हाले समेत विठ्ठल वानखेडे, प्रवीण चंगेडिया, गणेश तिवारी, संदीप घुगे, गोपाल लादे, महादेव चौधरी समेत अन्य 35 लोगों के हस्ताक्षर है।