कुएं में उतरकर पानी निकाल रहीं इस गांव की बालिकाएं, जानिए क्यों बने ऐसे हालात

कुएं में उतरकर पानी निकाल रहीं इस गांव की बालिकाएं, जानिए क्यों बने ऐसे हालात

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-31 10:13 GMT
कुएं में उतरकर पानी निकाल रहीं इस गांव की बालिकाएं, जानिए क्यों बने ऐसे हालात

डिजिटल डेस्क, वर्धा। जलसंकट की स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि कुएं में उतरकर पानी निकालने की नौबत आन पड़ी है। यह दृश्य वर्धा जिले में इन दिनों देखे जा रहे हैं। बताया जाता है कि सरकार द्वारा घोषित की गई सूखे की लिस्ट में वर्धा के कारंजा में मध्यम  सूखा बताया जा रहा  है। इस सूखाग्रस्त क्षेत्र में पानी के लिए नागरिकों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। जहां थोड़ा बहुत पानी है, ऐसे कुएं में तहसील के येनगांव की बालिकाएं कुएं में उतरकर पानी निकाल रही है। इसकी जानकारी प्रशासन को होने पर भी अब तक कोई उपाययोजना नहीं की गई है।

उल्लेखनीय है कि कारंजा तहसील टैंकरमुक्त तहसील के रूप में घोषित  किया गया है। इस कारण सूखाग्रस्त गांवों में टैंकर की व्यवस्था नहीं किए जाने की जानकारी दी जाती है। लेकिन सरकारी दस्तावेजों में टैंकरमुक्त तहसील के नागरिकों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। इस बात पर गौर कर सरकार से उपाययोजना तैयार करने की मांग की जा रही है । तहसील के येनागंव व खापरी सहित अन्य गांवों में जनवरी माह से जलसंकट निर्माण हुआ है। 1 हजार 200  जनसंख्या वाले येनगांव में 250  परिवार हैं। इस गांव में पांच सार्वजनिक कुएं व दो हैंडपंप है। लेकिन वे सभी सूख गए हैं। इस कारण इस वर्ष गांव में पानी के लिए हा-हाकार मचा हुआ है।

ग्रामवासियों को रोजाना  निजी टैंकर द्वारा गांव को पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। इस गांव के नागरिक करीब 12  टैंकर पानी खरीदते हैं। इस पर करीब 10  हजार  रुपए प्रतिदिन खर्च होते हैं। यह खर्च नागरिकों को अपनी जेब से करना पड़ रहा है।  पहले कभी भी इस गांव में जलसंकट नहीं था। लेकिन इस वर्ष भीषण गर्मी की वजह से  गांव और खेत परिसर के कुएं सूख गए हैं। गांव में सार्वजनिक कुएं हैं। इन कुओं में एक डिब्बा भरे इतना पानी रहता है। इस कारण नंबर लगाकर कुएं में उतरकर नागरिकों को पानी भरना पड़ रहा है। गांव के पुरुषों सहित महिलाएं और बालिकाएं भी कुएं में उतरकर डिब्बे की  सहायता से पानी निकाल रहीं हैं। पानी के लिए हर घर के सामने ड्रम की कतार लगाकर नागरिक टैंकर की प्रतीक्षा करते हैं। यह गांव पंचायत समिति सभापति मंगेश खवशी व भाजपा तहसील अध्यक्ष मुकुंद बारंगे का गांव है। इस गांव में जलसंकट से निपटने किसी तरह की कोई उपाययोजना नहीं की गई है। नागरिकों को पानी खरीदना पड़ रहा है।  इसके चलते सरकारी टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति करने की मांग नागरिकों ने की है।
 

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