एक कमरे का क्लीनिक, जहां झोलाछाप डॉक्टर कर रहे इलाज
एक कमरे का क्लीनिक, जहां झोलाछाप डॉक्टर कर रहे इलाज
डिजिटल डेस्क, शहडोल। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में एक कमरे क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यहां मरीजों को भर्ती कर झोलाछाप डॉक्टर उपचार कर रहे हैं। इसकी जानकारी जिला प्रशासान व स्वास्थ्य विभाग को भी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज औपचारिकता ही की जा रही है, जिससे मरीजों की जान खतरे में है।
ऐसे चल रही है इनकी दुकान
बरसात का सीजन तरह-तरह के संक्रामक बीमारी लेकर आता है। इन दिनों ग्रामीण हो या शहर लोग मौसमी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। जिसका फायदा बिना पंजीकृत क्लीनिक चलाने वाले झोलाछाप चिकित्सक उठा रहे हैं। जिले में झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़जाल फैला हुआ है, जो इलाज के नाम लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। जिले के स्वास्थ्य विभाग ने स्वयं 47 से अधिक ऐसे क्लीनिकों को चिन्हित किया हुआ है, जिनका पंजीयन जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा कार्यालय में नहीं है और इलाज किया जाता है। इसके बावजूद अवैध क्लीनिकों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं की जा रही है। इनके अलावा सैकड़ों ऐसी क्लीनिकें धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं, जहां बिना डिग्री और मान्यता के मरीजों को इंजेक्शन व दवाएं दी जा रही हैं। झोलाछाप चिकित्सकों की कई दुकानें तो शहर तक में चल रही हैं। एक दो कमरे की क्लीनिक में मरीजों को भर्ती तक किया जाता है। केस बिगड़ने पर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। कई लोगों की मौत तक हो चुकी है।
इतने हैं वैध संस्थान
जिले में 58 पंजीकृत निजी चिकित्सा संस्थान संचालित हैं। इनमें 12 नर्सिंग होम्स हैं तथा 46 ऐसे संस्थान हैं, जिन्हें विभिन्न पैथियों में सीएमएचओ कार्यालय से अनुमति मिली हुई है। इनमें 27 क्लीनिक एलोपैथिक की, 12 होम्योंपैथी तथा 7 आयुर्वेेदिक क्लीनिकें चल रही हैं। इनके अलावा जितने भी संस्थान चल रहे हैं, भले उनका संचालन एमबीबीएस व बीएमएस डिग्रीधारी संचालित कर रहे हों, अवैध की श्रेणी में हैं। खण्ड चिकित्सा अधिकारियों द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार जिले में 47 संस्थान चिन्हित किए गए हैं जो अवैध रूप से चल रहे हैं, इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है।
हर जगह सजी हैं क्लीनिक
झोलाछाप डॉक्टरों की आधा दर्जन दुकानें साहोगपुर, पुरानी बस्ती व सिंहपुर रोड में चल रही हैं। इसके अलावा जयसिंहनगर, ब्यौहारी, गोहपारू, जैतपुर, बुढ़ार, धनुपरी, सिंहपुर, अमलाई में कई दर्जन झोलाछाप दुकानें चल रहीं हैं। जैतपुर में तो शासकीय चिकित्सालय के सामने ही तीन क्लीनिक अवैध रूप ेसे चल रही हैं। केशवाही, झीकबिजुरी इलाके मेें तो ग्रामीण मरीजों को भर्ती तक किया जाता है।
नहीं होती है कार्रवाई
ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई न कराई गई हो। कुछ महीने पहले गोहपारू व सोहागपुर में बंगाली डॉक्टर के क्लीनिक पर दबिश देकर बिना डिग्री व मान्यता के इलाज करने पर कार्रवाई की गई थी। प्रकरण बनाकर एफआईआर के लिए पुलिस तक भेजा गया, लेकिन कानूनी कार्रवाई आज तक नहीं हुई। विभाग के अनुसार लगभग 12 प्रकरण एफआईआर के लिए पुलिस के पास पेंडिंग में हैं। पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार कुशवाह का कहना है कि प्रापर जांच के बाद मामला विभाग में आने पर कार्रवाई की जाएगी। लंबित मामलों को दिखवाकर कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।
इनका कहना है
समय-समय पर अवैध क्लीनिकों के विरुद्ध कार्रवाई कराई जाती है। मौजूदा सीजन में बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए टीम बनाकर शीघ्र ही अवैध क्लीनिक संचालकों पर कार्रवाई कराई जाएगी। डॉ. राजेश पाण्डेय, सीएमएचओ शहडोल