चार बेटियों को जन्म देने पर प्रताडि़त करते थे ससुराल वाले, महिला ने तंग आकर दे दी जान
चार बेटियों को जन्म देने पर प्रताडि़त करते थे ससुराल वाले, महिला ने तंग आकर दे दी जान
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। बेटे की चाह पूरी न कर पाने और एक के बाद एक चार बेटियों को जन्म देना महिला के लिए प्रताडऩा का सबब बन गया। पति उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडि़त करने लगा। वह कब तक सहती, तंग आकर उसने जहर का सेवन कर आत्महत्या कर ली। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है। अकेले बच्चियों को जन्म देना ही नहीं बल्कि दहेज के खातिर भी महिला को प्रताडि़त किया गया। पुलिस ने मायके पक्ष के बयान के आधार पर पति के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।
अमरवाड़ा एसडीओपी डॉ.संतोष डेहरिया ने बताया कि बीती 5 सितम्बर को हर्रई के दूल्हादेव निवासी एक महिला ने जहर पीकर जान दे दी थी। इस मामले की जांच में सामने आया कि उसका विवाह 16 जून 2014 को विमल उर्फ पप्पू परतेती से हुआ था। विवाह के बाद पप्पू ने बाइक और एक लाख रुपए दहेज में मांगे। एक लाख रुपए महिला के परिजनों ने दे दिए थे। इस बीच महिला की चार बेटियां हो गई। पिछले लगभग तीन माह पूर्व चौथी बेटी के जन्म के बाद से पप्पू की प्रताडऩा और बढ़ गई थी। इस प्रताडऩा से तंग आकर महिला ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी। जांच और मायके पक्ष के बयान के आधार पर पति पप्पू परतेती के खिलाफ धारा 498 ए, 304 बी, दहेज अधिनियम की धारा 3/4 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दहेज हत्या के 9 माह में 17 मामले-
दहेज लेना या देना दोनों ही अपराध है। समाज में यह बात जाहिर होने के बाद भी दहेज प्रताडऩा के मामले सामने आ रहे है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार जिले में पिछले 9 माह में दहेज प्रताडऩा से तंग आकर आत्महत्या के 17 मामले सामने आ चुके है। वहीं घरेलू हिंसा व प्रताडऩा के दर्जनों मामले जिले के थानों में दर्ज है।
दहेज लोभी परिवार पर मामला दर्ज-
चौरई थाना क्षेत्र के ग्राम खटकर की एक महिला ने पति समेत ससुराल पक्ष पर प्रताडऩा के आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद से बाइक और पचास हजार रुपए नकद की मांग करते हुए पति कृपाल समेत ससुराल पक्ष के लोग उसे शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा दे रहे है। शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने पति कृपाल ढाकरिया, जेठ गोपाल ढाकरिया, जेठानी और सास के खिलाफ धारा 498 ए, 494, 34, दहेज अधिनियम की धारा 3/4 के तहत मामला दर्ज किया है।
अधिकारों के प्रति जागरुक हों महिलाएं-
समाजसेवी श्रीमती डब्ल्यूएस ब्राउन का कहना है कि बेटों और बेटियों में भेदभाव की घटनाएं दुखद हैं। इसके लिए विभिन्न संगठनों के माध्यम से जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग एवं जागरुक होना होगा।
हर क्षेत्र में आगे आ रहीं बेटियां-
गल्र्स कॉलेज के प्राचार्य श्रीमती कामना वर्मा का कहना है कि आज भी बेटे और बेटियों में भेदभाव किए जााने के मामले अक्सर सुनने को मिलते हैं। बेटियां आज हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर रही हैं। इस संबंध में लोगों में जागरुकता लाने की जरुरत है।