एनआरसी, सीएए को लेकर शहर में जन संग्राम , 4 दिवसीय आंदोलन

एनआरसी, सीएए को लेकर शहर में जन संग्राम , 4 दिवसीय आंदोलन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-06 05:11 GMT
एनआरसी, सीएए को लेकर शहर में जन संग्राम , 4 दिवसीय आंदोलन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सर्द मौसम में भी एनआरसी, सीएए के विरोध में शहर का वातावरण गर्म है। युवा छात्रों ने सड़क पर उतरकर नागरिकता संशोधन विधेयक का जमकर विरोध किया। इंदोरा मैदान से मोर्चा निकालकर संविधान चौक पहुंचा। रास्ते में केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की गई। संविधान चौक में पहुंचकर जनसभा ली गई। सभा में युवा छात्रों ने एनआरसी, सीएए के विरोध में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। प्रा. जावेद पाशा, भदंत शिवली, सुमित मेश्राम जनसभा में सहभागी होकर आंदोलन का समर्थन किया। दानिश रजा खान, मोहम्मद दानिश, बुरहानुल हसन के नेतृत्व में मोर्चा निकाला गया।

नागरिकों का यह दुर्भाग्य, सरकार के इरादे नाकाम
भदंत शिवली ने कहा कि एनआरसी, सीएए के पीछे सरकार के नापाक इरादे छिपे हैं। सरकार धर्म के नाम पर देश की जनता को बांटना चाहती है। जब तक सरकार अपने नापाक इरादों से पीछे कदम नहीं हटाएगी, हम लड़ाई जारी रखेंगे। 

प्रा. जावेद पाशा ने कहा कि यह आंदोलन किसी जाति या धर्म का नहीं है। एनआरसी, सीएए का विरोध भारत के सभी नागरिकों के अधिकार की लड़ाई है। एनआरसी, सीएए से देश के सभी समुदाय के लोग प्रभावित होंगे। पीढ़ियों से जिस देश में रह रहे है, उसी देश में अब अपनी नागरिकता सिद्ध करनी पड़ रही है। देश के नागरिकों का यह दुर्भाग्य है। 

दानिश रजा खान ने कहा कि संसद में भले ही विपक्ष विरोध करने मेें कमजोर पड़ रहा है, लेकिन सड़कों पर उतरी युवा शक्ति विपक्ष की भूमिका निभा रही है। देश के मूल नागरिकों से नागरिकता का सबूत मांगकर अविश्वास दिखाया जा रहा है। जो सरकार देश के नागरिकों को नागरिक नहीं मानती, उस सरकार को हम सरकार नहीं मानते।  अंत में राष्ट्रगीत गाकर आंदोलन का समापन किया गया।

11 से 4 दिवसीय धरना
एनआरसी, सीएए कानून सरकार जब तक वापस नहीं लेती, जब तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी गई।  इस ओर ध्यान देने की मांग की गई है।

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