‘आधार’ के लिए लोगों का पूरा दिन हो रहा बर्बाद
‘आधार’ के लिए लोगों का पूरा दिन हो रहा बर्बाद
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आधार कार्ड जिसे सरकार ने हर व्यक्ति के लिए आधार बताया, उसे बनवाने के लिए लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह से नंबर लगाने के बाद भी काम नहीं हो रहा है। आधार कार्ड बनवाने के चक्कर में लोगों का पूरा दिन बर्बाद हो रहा है। शहर के कई आधार केंद्र बंद हो चुके हैं। शहर और ग्रामीण में एक जैसा ही हाल है। इसके बाद भी प्रशासन का रवैया उदासीन बना हुआ है।
150 तक वसूली
जिलाधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि नया आधार कार्ड बनवाने के लिए एक भी रुपया नहीं लगता है। मुफ्त में आधार कार्ड बनता है। संभवत: लोगों को इसकी पूरी जानकारी नहीं है। जानकारी के अभाव में कई लोग रुपए देकर आधार कार्ड बनवा रहे हैं। कुछ केंद्रों पर मनमाने तरीके से शुल्क वसूला जा रहा है। 80 से 150 रुपए वसूले जाने की जानकारी है।
अपडेट के लिए मात्र 50 रुपए लगते हैं
आधार्ड कार्ड में अपडेट करने के लिए (नाम, सरनेम अथवा पत्ता) बदलना हो तो मात्र 50 रुपए शुल्क देना पड़ता है, लेकिन इसके लिए भी कुछ केंद्रों में 80 से 100 रुपए लिए जा रहे हैं।
शहर में हैं 25 आधार केन्द्र
जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शहर में 25 आधार कार्ड केंद्र हैं। इसमें से लगभग आधा दर्जन केंद्र बंद हो गए हैं। वर्तमान में मात्र 19 संचालित हैं। शहर के विविध क्षेत्रों में यह केेंद्र सरकारी कार्यालयों के परिसर से संचालित किए जा रहे हैं। जिले में भी (नागपुर ग्रामीण) में 32 आधार कार्ड केंद्र हैं। इनकी हालत तो शहर से भी बदतर है। लोग सुबह पांच बजे से नया आधार कार्ड बनवाने अथवा अपडेट करने के लिए लाइन लगाते है। इसके बाद भी उनका नंबर नहीं लग रहा है। बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लगने से रोजाना मात्र 30 ही लोगों के कार्ड एक केंद्र में बनाए जा रहे है। लोग काम-धाम छोड़कर आधार कार्ड के लिए नंबर तो लगाते है, लेकिन नंबर लगाने के बाद भी पहले तीस का ही आधार बनता है और बाद वाले निराश लौटते हैं।
रुपए लेते हैं तो शिकायत करें
अगर किसी केंद्र में नया आधार कार्ड बनवाने के लिए कोई रुपए की मांग करता है तो उसकी शिकायत करें। तत्काल कार्रवाई की जाएगी। -गुगुसकर, जिलाधिकारी कार्यालय के आधार कार्ड विभाग प्रमुख नागपुर
भुक्तभोगियों की आपबीती
1. हिंगना तहसील के सावंगी निवासी सुरेश वरठी आधार कार्ड अपडेट कराने के लिए दो दिन से चक्कर लगा रहे थे। दोनों बार उनका नंबर नहीं लगा है। कहते हैं-गांव से नागपुर आना बहुत महंगा पड़ा।
2. शशांक वासूलकर दो दिन से खुद का और अपनी बहन का आधार कार्ड बनवाने के लिए तड़के 4 बजे से लाइन लगा रहे हैं। शाम 4 बजे तक कतार में खड़े रहे, मगर दोनों ही दिन उन्हें वापस जाना पड़ा।
3. पेशे से शिक्षिका सरिता देवगडे ने बताया कि इन्कम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए उन्हें आधार की जरूरत थी। गत एक महीने से वह आधार कार्ड केंद्र के चक्कर लगा रही थी। पहली बार फार्म भरा, लेकिन वह गुम हो गया। दूसरी बार भरना पड़ा। एक दिन में 30 ही लोगों का नंबर लगने के कारण कई बार उन्हें वापस जाना पड़ा है। अब जाकर उनका नंबर लगा है। इसके लिए उन्हें 100 रुपए देने पड़े।
4. आरती भुजाडे ने बताया कि उनकी ढाई वर्ष पहले शादी हुई है। मायके का आधार कार्ड बना हुआ है, लेकिन अभी शादी होने के कारण उन्हें इसमें अपडेट करना था। सप्ताह भर से वह आधार कार्ड केंद्र के चक्कर लगा रही थी। इसके लिए उनसे भी 80 रुपए लिए गए।
5. भांडे प्लाट निवासी लीलाबाई बनगडे नामक वृद्धा बीपी-शुगर की मरीज हैं। फिर भी दो दिन से आधार कार्ड बनवाने के लिए केंद्र के चक्कर लगा रही हैं।