अनुशासन का पालन करते हुए सामाजिक दायित्व को निभाएं - भागवत
अनुशासन का पालन करते हुए सामाजिक दायित्व को निभाएं - भागवत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना को लेकर देश में स्थिति पर सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने कहा है कि सामाजिक अनुशासन का पालन करना आवश्यक है। स्वयंसेवकों को संघ की सीख का स्मरण कराते हुए कहा कि शासन प्रशासन की ओर से दिए जा रहे निर्देशों व अनुशासन का अनुपालन सबको करना होगा। कोरोना विषाणु के विरोध में विश्व जंग लड़ रहा है। भारत भी युद्ध में शामिल है। ऐसे में सभी स्वयंसेवकों की जिम्मेदारी है कि वे अनुशासन में रहकर समाज के अनुशासन के लिए काम करें साथ ही सामाजिक दायित्व को निभाएं।
बुधवार को हिंदू नववर्ष के शुभारंभ के अवसर पर सरसंघचालक स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। संघ के विश्व संवाद केंद्र के वेब पेज पर संबोधन में सरसंघचालक डॉ.भागवत ने कहा कि नव वर्ष प्रतिपदा अर्थात हिंदू नववर्ष उत्सव के साथ ही नये संकल्प का दिन होता है। इस बार इस उत्सव की शुरुआत वैश्विक संकट के साथ हो रही है।कोरोना को सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से ही चुनौती दी जा सकती है। संघ की कार्यपद्धति में सामूहिकता है। कार्यकर्ता एकत्रित होकर विविध कार्यों का संकल्प लेते हैं। प्रशिक्षण लेते हैं। लेकिन स्थिति के अनुरुप कार्यपद्धति अपनाना भी आवश्यक है। केवल यह सोचना पर्याप्त नहीं है यह दौर कब तक चलेगा। हम आपस में मिलेंगे नहीं तो संघ कार्य को पूरा कैसे करेंगे। स्वयंसेवकों को यह भी स्मरण रहना चाहिए कि संघ का कार्य व्यक्ति निर्माण का है। नये वर्ष पर 5-7 लोग मिलकर प्रार्थना की जा सकती है। परिवार के सदस्यों में प्रार्थना की जा सकती है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम सरसंघचालक डॉ.केशव हेडगेवार कहा करते थे कि स्वयंसेवक रात में सोने के लिए एकत्र आए और सुबह उठकर चले जाएं तो भी संघ के कार्य पूरे हो सकते हैं। इतिहास में संघ के साथ एक दो बार ऐसी स्थिति आयी भी है। दो-दो साल तक शाखाएं बंद रही। लेेकिन संघ का कार्य चलता रहा। 21 दिन को जो लॉकडाऊन घोषित हुआ है उसके नियमों का पालन करते हुए भी संघ के कार्यों को किया जा सकता है। आवश्यकतानुसार स्वयंसेवकों ने सहायता कार्य की शुरुआत भी कर दी है। शासन प्रशासन की अनुमति से राहत प्रबंधन किया जा सकता है। समाज अनुशासन का पालन करें। इसी से कोरोना को जीता जा सकता है। दवाई व अन्य राहत सहायक सिद्ध होगी।