खलिहान में लगी आग, दो सौ क्विंटल धान जलकर राख -ननि के दमकलों ने की मशक्कत, नहीं पा सके काबू
खलिहान में लगी आग, दो सौ क्विंटल धान जलकर राख -ननि के दमकलों ने की मशक्कत, नहीं पा सके काबू
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। धरती के अन्नदाताओं को प्रकृति की मार तो झेलनी ही पड़ती है। कई बार उन्हें आपदाओं का भी सामना करना पड़ता है। सर्द गर्म मौसम में पसीना बहाने के बाद जो कुछ मिला उसी में संतोष कर लेने वाले दो किसान भाइयों पर मंगलवार की सुबह जैसे गाज ही गिर गयी। नौगढ़ के एक किसान बैस परिवार के खलिहान में लगी आग से लगभग दो सौ क्विंटल धान जलकर खाक हो गया। सुबह तकरीबन 9 बजे खलिहान में लगी आग तीन घंटे तक अपना रौद्र रूप दिखाती रही। इस दौरान ननि के अग्निशमन दस्ते में जमकर मशक्कत की और एक के बाद एक छह से सात टैंकर पानी उड़ेला लेकिन कुछ हाथ नहीं लग सका। नौगढ़ के किसान लखपति बैस व उनके भाई राज प्रसाद बैस को इस आगजनी से लाखों रूपये का नुकसान हुआ है। आग बुझाने की कोशिश में गांव के सैकड़ों लोग मौके पर पहुंचे लेकिन किसी की कोई युक्ति काम नहीं आयी। लम्बे चौड़े मैदान में जमा सैकड़ों क्ंिवटल धान जलकर राख हो चुका है। बीते एक पखवाड़े से किसान परिवार धान की कटाई कर खलिहान में धान की तैयार और सूखी फसल सुरक्षित करने के लिए जमा कर रहा था। जिससे उसे घर में सुरक्षित किया जा सके। सूखे पुआल में भड़की आग ने बालियों सहित जमा धान को भी अपने चपेट में ले लिया। पीडि़त किसान लखपति बैस ने बताया कि उनके घर से महज 500 मीटर की दूरी पर उनका खलिहान है। सुबह तक सब कुछ ठीक ठाक था लेकिन 9 से 10 बजे के बीच यहां पर आग कैसे लग गयी? यह अभी तक समझ में नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि उनका गांव में किसी से मनमुटाव तक नहीं है कि वे किसी के द्वारा की गई हरकत की आशंका जाहिर कर सकें। इतना जरूर है कि उनके पूरे वर्ष की गृहस्थी में आय का मुख्य जरिया धान की फसल तबाह हो गयी है।
फायर ब्रिगेड ने किया सराहनीय प्रयास
पीडि़त किसान श्री बैस ने बताया कि ननि के फायर ब्रिगेड दस्ते ने बहुत कोशिश की। एक के बाद एक पांच से छह बार पानी भर कर लाए लेकिन और कोई दूसरा साधन न होने से आग फैलती गयी और तीन से चार घंटे धान की फसल जलते हुए राख हो गयी। स्थानीय लोगों ने भी आग लगने के बाद मौके पर पहुंचे और इस घटना को बेहद दुखद बताया। फसल जलने से दूर तक अन्न जलने की गंध और धुंआ फैला रहा।