पीडीएस गेहूं में 12.47 लाख की गड़बड़ी करने वाले दो प्रबंधकों पर एफआईआर
उमरिया पीडीएस गेहूं में 12.47 लाख की गड़बड़ी करने वाले दो प्रबंधकों पर एफआईआर
डिजिटल डेस्क उमरिया गरीबों हक में डाका डालने वाले दो प्रबंधकों पर पुलिस प्रशासन ने एफआईआर दर्ज की है। विवेचना में अमरपुर प्रबंधक रामलखन चतुर्वेदी व चिल्हारी प्रबंधक जगदीश तिवारी द्वारा 12.47 हजार कीमती राशन दुकान के गेहूं की हेरफेर की गई थी। मई 2021 में इन्हें कलेक्टर ने आकस्मिक दौरा कर रंगे हाथ उपार्जन केन्द्र के भण्डारण केन्द्र गड़रियाटोला कैप में पकड़ा था। तब से तकरीबन 8 माह बीतने के बाद एफआईआर दर्ज हो पाई है। खाद्य विभाग की जानकारी अनुसार रबी विपणन वर्ष 2021-22 में सेवा सहकारी समिति मर्यादित अमरपुर एवं सेवा सहकारी समिति मर्यादित चिल्हारी को गेहूं उपार्जन केन्द्र बनाये गये थे। समितियों के द्वारा ग्राम गडरिया टोला स्थित ओपन स्टोरेज फैसिलिटी-कैप (महरोई) में शासन के निर्देशानुसार दिनांक 1 मई 2021 तक गेहूं उपार्जन का कार्य किया गया था। इस दौरान प्रबंधकों ने भण्डारण व परिवहन में हेरफेर कर अनाज की गड़बड़ी की। 14 जून को कलेक्टर द्वारा भण्डारण केन्द्र का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का अनाज उक्त खरीदी केन्द्र के स्थान कैंप में पाया गया। उक्त गेहूं उपार्जन समितियों के दोनों प्रबंधक के द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) व खुले मार्केट से गेहू लाकर गेहूं उपार्जन बताया जा रहा था। प्रकरण की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मानपुर से कराई गई। उन्होंने जांच में अमरपुर एवं चिल्हारी दोनो समितियों द्वारा क्रय किए गये गेहूं का 100 फीसदी रेडी-टू-ट्रासपोर्ट किया पाया। लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम को जांच दिनांक तक सम्पूर्ण परिदान नहीं किया गया था।
जून में भेजा गया था पत्र-
भण्डारण व खरीदी केन्द्र की जांच में अमरपुर की 1139 बोरी में 700 ओपन एरिया में पाई गई थी। इनमे 100 बोरी खराब थी। इसके अलावा 439 का कोई हिसाब किताब नहीं था। इसी तरह चिल्हारी उपार्जन केन्द्र में 1378 बोरी में से 597 ओपन कैप एरिया में पाई गई। 300 बोरी खराब तथा 781 बगैर हिसाब वाली थी। जांच में स्पष्ट हुआ कि दोनों केन्द्रों में फर्जी किसानों की इंट्री की गई है। स्टॉक की प्रर्ति के लिए गेहूं खुले बाजार व उचित मूल्य दुकान से यहां सांठगांठ कर बेचा गया है। लिहाजा जांच प्रतिवेदन में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने 18 जून को थाना प्रभारी इंदवार को पत्र लिखा। इसमे अमरपुर प्रबंधक रामलखन चतुर्वेदी व चिल्हारी प्रबंधक जगदीश तिवारी के विरुद्ध प्राथमिकी के लिए कहा गया।
पत्राचार व विवेचना में बीते आठ माह
यह पूरी कार्रवाई कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा की गई थी। लिहाजा एफआईआर में देरी होने पर उन्होंने पुन: कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को अगले माह पत्र भेजा। 23 जुलाई को दोनों प्रबंधकों पर एफआईआर करवा प्रति कार्यालय तलब की। इस दौरान उन्होंने तत्कालीन एसपी को भी एक पत्र भेजा। एक जुलाई में लिखे पत्र के भीतर थाना प्रभारी व कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के प्रकरण का हवाला देकर कार्रवाई के लिए कहा। मामला पत्रों के बीच ही उलझा रह गया। हालांकि इस संबंध में देरी के पीछे खाद्य विभाग का कहना है जांच प्रतिवेदन में प्रकरण अलग-अलग पुलिस द्वारा मांगा जा रहा है। साथ ही इस दौरान जांच अधिकारी छुट्टी में जाने से भी कार्रवाई प्रभावित हुई। हालांकि एसपी ने मामले को संज्ञान में लिया है। तब जाकर जांच की गति तेज हुई। 19 जनवरी को दोनों प्रबंधकों पर एफआईआर दर्ज की गई।
बक्शे नहीं जाएंगे आरोपी
गरीबो के मिलने वाले राशन में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। मुख्यमंत्री की मंशानुसार ऐसे लोगों के विरुद्ध विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। चिन्हित प्रकरणों में कार्रवाई प्रचलन में है। जांच रिपोर्ट अनुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर उमरिया
खाद्य विभाग व कलेक्टर का पत्र हमें मिला था। दस्तावेजों के अतिरिक्त कुछ चींजे पत्राचार में मांगी गई थी। रिकार्ड मिलते ही प्रबंधकों के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज कर दी गई है।
प्रमोद कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक उमरिया।