जॉनसन एंड जॉनसन से एफडीए ने वसूला 16 लाख जुर्माना, कंपनी पर भ्रामक विज्ञापन का आरोप 

जुर्माना वसूला जॉनसन एंड जॉनसन से एफडीए ने वसूला 16 लाख जुर्माना, कंपनी पर भ्रामक विज्ञापन का आरोप 

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-21 16:06 GMT
जॉनसन एंड जॉनसन से एफडीए ने वसूला 16 लाख जुर्माना, कंपनी पर भ्रामक विज्ञापन का आरोप 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुनाफा कमाने के लिए ग्राहकों को भ्रमित करने वाले विज्ञापन देना बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को भारी पड़ गया। महाराष्ट्र अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कंपनी से 16 लाख रुपए का जुर्माना वसूला है। दरअसल कंपनी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर ओआरएसएल का प्रचार रोग निवारक के रुप में किया था जबकि यह सिर्फ पौष्टिकता बढ़ाने वाले पेय हैं। इसी आधार पर चार उत्पादों से जुड़े फर्जी दावे कर पर एफडीए ने 4-4 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। पिछले साल 5 जुलाई को एफडीए अधिकारियों का ध्यान कंपनी के वेबसाइट पर जारी दावे पर गया था। कंपनी ने ओआरएसएल रिहाइड्रेट, ओआरएसएल रेडी टू ड्रिंक इंलेक्ट्रोलाइट सोल्यूशन, ओआरएसएल प्लस और ओआरएसएल एफओएस उत्पादों के साथ दावा किया था कि यह उत्पाद बीमारी को कम करने और इलाज करने में सक्षम है। भ्रामक दावों के मद्देनजर अन्न व सुरक्षा अधिकारी अरविंद कांडेलकर ने कंपनी को नोटिस भेजा और उसके दावों की जांच की। जांच के बाद एफडीए ने पाया कि कंपनी ने अन्न व औषध सुरक्षा व मानक अधिनियम की धारा 53 का उल्लंघन किया है। इसके बाद एफडीए के संयुक्त आयुक्त व न्याय निर्णय अधिकारी शशिकांत केकरे ने जांच अधिकारी और कंपनी के लिखित और मौखिक जवाब के बाद पाया कि कंपनी ने नियमों का उल्लंघन किया है इसलिए उस पर प्रति उत्पाद को लेकर गलत दावे के चलते 4-4 लाख रुपए का जुर्माना लगाया।

केकरे ने बताया कि सुनवाई के दौरान कंपनी के अधिकारियों ने गलत दावे की अपनी गलती स्वीकार करते हुए 16 लाख रुपए का जुर्माना भर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के एफडीए मंत्री संजय राठौड ने भी इस बात के निर्देश दिए हैं कि इस तरह के भ्रामक दावे करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। "जॉनसन एंड जॉनसन" कंपनी काफी समय से मुश्किलों में हैं। कंपनी के पाउडर को बच्चों की त्वचा के लिए हानिकारक पाए जाने के बाद कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। कुछ दिनों पहले ही बांबे हाईकोर्ट ने कंपनी को अपने जोखिम पर पाउडर के उत्पादन की इजाजत दी है, लेकिन सरकार के आदेश के तहत इसकी बिक्री और वितरण पर फिलहाल रोक है। कंपनी के उत्पाद के नमूनों की दोबारा जांच की जा रही है।   

 

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