तुअर बेचने वाले किसानों का नहीं हो सका भुगतान, 7 जून तक करना था अदा

तुअर बेचने वाले किसानों का नहीं हो सका भुगतान, 7 जून तक करना था अदा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-15 15:06 GMT
तुअर बेचने वाले किसानों का नहीं हो सका भुगतान, 7 जून तक करना था अदा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमित कुमार। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश के बावजूद नाफेड ने प्रदेश में इस साल तुअर (अरहर) बेचने वाले किसानों के बकाए का भुगतान नहीं किया है। राज्य के किसानों का 354 करोड़ 83 लाख रुपए का भुगतान बाकी है, जबकि मुख्यमंत्री ने नाफेड को 7 जून तक किसानों का पूरा बकाया देने को कहा था। राज्य में इस बार 1835 करोड़ 11 लाख रुपए की तुअर खरीदी हुई है, जिसमें से किसानों को 1480 करोड़ 28 लाख रुपए अदा किया जा चुका है। प्रदेश सरकार के विपणन विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि नाफेड से पैसे नहीं मिलने के कारण किसानों का बकाया है। इस महीने के आखिर तक पूरा भुगतान होने की उम्मीद है। वहीं राज्य में इस साल निर्धारित 44 लाख 68 हजार क्विंटल तुअर खरीदी के लक्ष्य की तुलना में 33 लाख 67 हजार 177 क्विंटल तुअर नाफेड ने खरीदा है। 

राज्य में गोदामों में भंडारण क्षमता से अधिक तुअर पहले से होने और सरकार की ढिलाई के कारण इस साल शुरु से ही तुअर खरीदी की गति धीमी रही। राज्य भर में 4 लाख 57 हजार 930 किसानों ने तुअर बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीयन कराया था, लेकिन इसमें से 2 लाख 65 हजार 854 किसानों की तुअर खरीदी जा सकी। जिन किसानों का पंजीयन हुआ है लेकिन उनकी तुअर खरीदी नहीं हो सकी है। ऐसे किसानों को प्रदेश सरकार अपने स्तर पर प्रति क्विंटल 1 हजार रुपए अनुदान देगी। इस पर सरकार का 480 करोड़ रुपए खर्च होगा। प्रदेश में इस साल किसानों को तुअर के लिए 5450 प्रति क्विंटल रुपए की दर दी गई, जिसमें तुअर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5250 रुपए था, जबकि राज्य सरकार ने 200 रुपए बोनस देने का फैसला किया था। प्रदेश में इस साल 1 फरवरी से सरकारी खरीद केंद्रों पर तुअर खरीदी शुरू हुई थी। अंतिम अवधि खत्म होने के बाद एक महीने का समय बढ़ा कर 15 मई तक किया गया था।

चना का भी बकाया 
राज्य में इस साल नाफेड ने 712 करोड़ 32 लाख रुपए का चना किसानों से खरीदा है, लेकिन किसानों को महज 113 करोड़ 30 लाख रुपए दिए गए हैं। किसानों का 601 करोड़ 2 लाख रुपए बकाया है। राज्य में नाफेड ने इस साल 30 लाख क्विंटल चना खरीदने का लक्ष्य रखा था लेकिन 16 लाख 23 हजार 463 क्विंटल चना खरीदा जा सका है। चना बेचने के लिए 3 लाख 17 हजार 769 किसानों ने पंजीयन कराया था। इसमें से 1 लाख 17 हजार 694 किसानों ने ही अब तक अपना चना बेचा है। केंद्र सरकार की तरफ से चना खरीदने की अवधि दो बार बढ़ाई गई थी। जो 13 जून को खत्म हो गई है। इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने केंद्र को एक बार फिर से पत्र लिखा है। राज्य में चना बेचने वाले किसानों को 4400 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से पैसे दिए गए। जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य 4250 रुपए है। साथ ही राज्य सरकार का 200 रुपए का बोनस दिया है। 

तुअर खरीद की स्थिति 

तुअर खरीद का लक्ष्य            -    44 लाख 68 हजार क्विंटल 
प्रत्यक्ष खरीद                       -    33 लाख 67 हजार 177 क्विंटल
कुल खरीद की राशि               -   1835 करोड़ 11 लाख 
किसानों को अदा की गई राशि -   1480 करोड़ 28 लाख 

चना खरीद की स्थिति 

चना खरीदी का लक्ष्य             -     30 लाख क्विंटल 
प्रत्यक्ष खरीदी                       -     16 लाख 23 हजार 463 क्विंटल 
कुल खरीदी की राशि              -      714 करोड़ 32 लाख     
किसानों को अदा की गई राशि -      113 करोड़ 30 लाख 
 

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