किसान टमाटर की खेती से आत्मनिर्भरता की ओर बढा रहे है कदम

किसान टमाटर की खेती से आत्मनिर्भरता की ओर बढा रहे है कदम

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-25 08:17 GMT
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डिजिटल डेस्क, श्योपुर। राज्य सरकार द्वारा आत्मनिर्भर मप्र बनाने की दिशा में श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल क्षेत्र के ग्राम मोराई के किसान श्री मांगीलाल गुर्जर एवं कारनखेडा के श्री कोमल कुशवाह अपनी रेतीली भूमि तथा सिंचाई संसाधनों के माध्यम से टमाटर की खेती कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढा रहे है। जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के क्षेत्र के ग्राम मोराई के किसान श्री मांगीलाल गुर्जर एवं कारनखेडा के श्री कोमल कुशवाह पूर्व में मेहनत मजदूरी कर अपनी रेतीली जमीन में ज्वार, बाजरा, चना और अलसी की खेती कर अपनी आजीविका चलाने में अक्षम महसूस कर रहे थे। इसी बीच उनके ग्रामों में आजीविका मिशन के कर्मचारी उनके गावं में पहुंचे। तब इन दोनो किसानों ने अपनी खेती में टमाटर लगाकर अधिक उत्पादन लेने की सलाह मैदानी स्तर पर कर्मचारियों से प्राप्त की। कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में डीपीएम आजीविका मिशन श्री सोहनकृष्ण मुदगल द्वारा आत्मनिर्भर मप्र बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे है। इन प्रयासों के अतंर्गत आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम मोराई एवं कानरखेडा के ग्रामीणों को उन्नत किस्म की खेती करने के लिए प्रेरणा दी जा रही है। साथ ही कराहल क्षेत्र के 40 ग्रामों में 100 किसानों की 80 एकड भूमि में टमाटर की खेती में दिशा में किसानों को जागरूक करने की दिशा में कदम उठाये जा रहे है। कराहल क्षेत्र के ग्राम मोराई के किसान श्री मांगीलाल गुर्जर एवं कानरखेडा के किसान श्री कोमल कुशवाह ने आजीविका मिशन के मैदानी कर्मचारियों की प्रेरणा से अपनी रेतीली जमीन में नवाचार करते हुए परम्परगत खेती के अलावा टमाटर की खेती करने का बीडा उठाया। उनको मैदानी कर्मचारियों ने तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया। इस मार्गदर्शन व तकनीकी सलाह के अनुसार अपनी 10-10 बीघा भूमि में से सिर्फ आधा बीघा भूमि में टमाटर की खेती करना प्रारंभ किया। इस टमाटर की खेती से दोनो किसान अच्छी पैदावार मिलने से खुशहाली की ओर आगे बढ रहे है। टमाटर बेचने में उनका परिवार भी सहारा बन रहा है। जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम मोराई किसान श्री मांगीलाल गुर्जर एवं ग्राम कानरखेडा के किसान श्री कोमल कुशवाह ने बताया कि सीजन के समय हम 50 कि.ग्रा. टमाटर प्रतिदिन बेचकर नकद पैसा प्राप्त करने में सहायक बन रहे है। हमारे टमाटर कराहल की सब्जीमंडी में 12 रूपये से लेकर 15 रूपये तक बीच जाते है। जिसके कारण हमें प्रतिदिन आमदनी हो रही है। इस प्रकार से हम एक दिन में 750 रूपयें कमा लेते है। वर्तमान में प्रतिमाह टमाटर की खेती से 22 हजार रूपये की आय हम दोनो किसानों को प्राप्त हो रही है। जिसका श्रेय मप्र सरकार, जिला प्रशासन और आजीविका मिशन को जाता है।

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